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बंगाल का बिद्रोह रास्ट्रपति शासन की तैयारी का चरण है ?

बंगाल को विभाजित नहीं होने दूंगी भले ही प्राण त्यागना पड़े – ममता बनर्जी

नई दिल्ली.बंगाल राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार को नेस्तनाबूत करने के मंसूबे के तहत बिरोधियो की साजिस पर अलग राज्य की माग ने तेजी पकड़ी है ,नोट बंदी समेत अन्य केंद्र की मोदी सरकार के फैसले के बिरुद्ध मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुखर होकर देश के अलग -अलग राज्यों में रैली कर अपना विरोध दर्ज करवाते हुए केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ फेकने की अपील आम जन से किया था .तबसे अब तक बंगाल में दंगो ,छापो और अब अलग राज्य के मुद्दे ने बंगाल की राजनीति को गर्मा दिया है .

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दार्जीलिंग में पिछले 10 दिनों से अलग राज्य की मांग को लेकर स्थिति उबाल पर है. इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि आज जो कुछ हो रहा है उसके पीछे एक गहरी साजिश है. एक दिन में इतने सारे बम और हथियार जमा नहीं किए जा सकते. अपने प्राण का बलिदान करने के लिए तैयार हूं, लेकिन बंगाल का विभाजन नहीं होने दूंगी.दार्जिलिंग की अशांति और गुंडागर्दी के पीछे कोई आतंकी दिमाग है. हमें सुराग मिले हैं कि उनके पूर्वोत्तर के भूमिगत विद्रोही समूहों के साथ संबंध हैं. कुछ दूसरे देश भी उनकी मदद कर रहे हैं. स्थिति को काबू में करने के लिए सेना की टुकड़ियां तैनात की गईं और हिंसाग्रस्त जिले के कई इलाकों में उन्होंने फ्लैग मार्च किया.




दूसरी तरफ जीजेएम ने पश्चिम बंगाल की सरकार के साथ किसी भी तरह की वार्ता करने से शनिवार को इनकार किया, किन्तु यह कहा कि वह केंद्र में भाजपा नीत सरकार के साथ वार्ता करने को लेकर तैयार है. जीजेएम के नेता बिनय तमांग ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल सरकार के साथ वार्ता करने को तैयार नहीं है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमारा अपमान किया है, उन्होंने हमें आतंकवादी कहा है.हम अपने अधिकारों और आजादी को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. हम केवल केंद्र सरकार के साथ वार्ता करेंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ वार्ता करने में हमारी रूचि नहीं है.
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बंगाल के दार्जीलिंग में हो रही हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन किया और वहां की स्थिति को लेकर उनसे चर्चा की. टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को पर्वतीय जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने और स्थिति सामान्य करने को लेकर राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी.


गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हरसंभव कदम उठाने को कहा ताकि हिल स्टेशन पर शांति बहाल की जा सके, जहां लोग स्कूलों में बंगाली भाषा को अनिवार्य कर उसे कथित रूप से थोपे जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

फिरहाल बंगाल को अशांत करने के पीछे कोई बड़ा कारण है ,इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी किसी बड़ी साजिस की बात को दोहराया है,फिरहाल दार्जिलिंग की अशांति के पीछे किसका हाथ है ,क्या मंशा है यह सोचनीय है .राजनीतिक हलको में इस बात की चर्चा आम हो चली है कि यदि शांति की संभावना असफल होकर अशांति और बढ़ती है तो राष्ट्रपति शासन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता .

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