दस्यु सम्राट ददुआ की तरह शंकरगढ़ में हनुमान सिंह का मंदिर बनवा मूर्ति स्थापित करेगी सरदार सेना

इलाहबाद. जनपद के शंकरगढ ब्लाक स्थित जूही गाँव मे क्रान्ति वीर हनुमान सिंह पटेल 27वे परिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन सरदार सेना द्वारा किया गया था . इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ0आर एस पटेल संयोजक सरदार सेना एवं विशिष्ट अतिथि वृज लाल लोधी रहे .

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेना के संयोजक डॉ आर एस पटेल ने क्रांतिकारी हनुमान पटेल की तुलना दस्यु सम्राट ददुआ से करते हुए कहा कि जिस तरह अपने परिवार एवं समाज पर सामन्तवादियों द्वारा हुए अत्याचार का घोर प्रतिकार कर उन दरिंदो का सफाया कर ददुआ ने अपने समाज को बचाने का काम किया था उसी प्रकार कुर्मी समाज में जन्म लेने वाले क्रान्ति वीर हनुमान सिंह पटेल ने अपने आन ,बान व समाज के स्वाभिमान को बचाने हेतु हथियार उठाकर सामन्तवाद का कड़ा विरोध किया था , सरदार सेना के कार्यकर्ता इस वीर पुरुष को नमन करते हुए समाज हित में इनके बताए हुए रास्ते पर चल कर समाज के मान सम्मान व सवाभिमान कि रक्षा करगे .

डॉ पटेल ने लौह पुरुष सरदार पटेल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल का देश के तमाम जाति-धर्मों को एक साथ समानता एवं एकीकरण के उद्देश्य से लेकर भारत को दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनाने का इरादा था. सरदार साहब की विचारधारा भारत को दुनिया का सबसे बड़ा कृषि उत्पादक देश बनाना था. उनका लक्ष्य था कि हिन्दुस्तान में किसानों के कृषि को उद्योग का दर्जा दिया जाय जिससे कि देश के किसान पुरी दुनिया में खुद को गौरन्वावित कर सके. सरदार पटेल के पूरे जीवन काल में किये गये कार्य को पढ़ा जाय ,सच तो यह है कि सरदारवादीवादी विचारधारा से ही अन्य विचारधारा का उद्भव हुआ है .जिस प्रकार लौहपुरूष सरदार बल्लभभाई पटेल ने हिन्दुस्तान का नक्शा दुनिया के सामने प्रस्तुत किया वह अतुलनिय है, वह शायद और कोई नहीं कर सकता था.

उन्होंने देश को विश्व गुरू बनाने का सपना देखा था, हम सभी लोगो को मिलकर उनके सपनों को पूरा करना होगा क्योकि आज जो देश के सामने स्थिति बनी है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. हमें उनके विचारो पर चलकर उनके सपनों का भारत बनाना होगा.सरदार पटेल जी ने देश की एकता और अखंडता को तोड़ने का प्रयाश करने वाले लोगो ,संघठनो पर प्रतिबन्ध लगाकर देश की एकता को बचाने का काम किया था किन्तु आज सरदार साहब द्वारा प्रतिबंधित संघठनो के लोग बड़ी चालाकी से देश में भाईचारे को खत्म कर देश की सत्ता पर कब्ज़ा कर किसानो ,नौजवानों व शोषित समाज के साथ छल कर रहे है ,देश के पिछड़े ,दलित व नौजवान उन ताकतों के कुचक्र में फस देश की दशा और दिशा पर मंथन नहीं कर पा रहे है .

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बृजलाल लोधी एडवोकेट ने कहा कि सरदार सेना के लोग देश की एकता -अखंडता समेत किसान ,नौजवान व शोषित समाज के हक़ और हुकूक के लिए नई क्रांति का आगाज कर चुके है ,आन्दोलन को धार देने हेतु 85 प्रतिशत समाज को एक जुट होकर सरदार सेना के बैनर तले काम करना होगा .

जूही ग्राम सभा में आयोजित कार्यक्रम स्थल झील का सभी ग्रामवाशियों के सहमति से कार्यक्रम स्थल पर ही वीर पुरुष ददुआ की तरह ही लौह पुरुष सरदार पटेल एवं क्रांतिवीर हनुमान पटेल की एक विशाल मंदिर बनाने एवं उस झील का नाम क्रांतिवीर हनुमान पटेल सरोवर रखने की घोषणा हुई ,झील के नामकरण कि घोषणा व उक्त स्थल पर विशाल मंदिर निर्माण हेतु सरदार सेना कि तरफ से ५००१ रुपया बतौर सहयोग राशि प्रदान किया गया ,जिसके बाद उपस्थित तमाम सरदारवादी विचारधारा के समर्थको ने सहयोग राशि देकर शीघ्र ही मंदिर निर्माण का संकल्प लिया .उक्त मंदिर में लौह पुरुष सरदार पटेल एवं क्रांतिवीर हनुमान पटेल कि प्रतिमा स्थापना हेतु देने का भी सरदार सेना के संयोजक डॉ आर एस पटेल ने बचन दिया .

कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुरेश पटेल, पत्रकार अभिषेक पटेल,हरिश्चंद्र पटेल ,गोविन्द पटेल,सुधीर पटेल,अमर सिंह,प्रभात सिंह,सीपी सिंह, राजेन्द्र पटेल कोटेदार, रामकृपाल पटेल,कमला शंकर निषाद(प्रधान जी) आदि सैकड़ो सरदारवादी उपस्थित रहे .कार्यक्रम का संयोजक उदय प्रताप पटेल व राजेन्द्र पटेल ने किया .
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