मुंबई में आयोजित ‘संविधान बचाओ’ यात्रा में शामिल हुए कई बड़े दिग्गज ,उम्दा रहा विपक्ष की ताकत का प्रदर्शन

मुंबई . मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर विपक्षी नेताओं नेमें कांग्रेस, एनसीपी ,पटेल नवनिर्माण सेना ,समाजवादी पार्टी,सीपीएम् ,टीएमसी ,सरदार सेना समेत कई सामाजिक संघठनो व राजनैतिक दलों ने संविधान बचाओ रैली निकाला . यात्रा में शामिल नेताओं ने पिछले दिनों हुई घटनाओं, खासकर फिल्म पद्मावत के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए संविधान को बचाने की जरूरत पर बल दिया . संविधान बचाओ यात्रा के बहाने बिपक्षी एकता का प्रदर्शन काफी मजबूत दिखा .

यात्रा में सीपीआई के डी राजा, नैशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता संजय निरूपम, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण, सुशील कुमार शिंदे, एनसीपी नेता शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले, जेडीयू के बागी नेता शरद यादव, समाजवादी पार्टी नेता अबु आजमी, टीएमसी से दिनेश त्रिवेदी गुजरात के अनामत आन्दोलन के नेता नेता हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकुर ,सरदार सेना के संयोजक डॉ आर एस पटेल भी मौजूद थे.

राजनैतिक जानकारों का कहना है विपक्ष ने न सिर्फ संविधान को बचाने की जरूरत को दर्शाने बल्कि एकजुट होकर अपनी ताकत को दिखाने का प्रयास किया.नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वे सभी नेता यह संदेश देने के लिए इकट्ठा हुए हैं कि देश को बचाने के लिए संविधान को बचाना होगा. उन्होंने पद्मावत के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए कहा कि स्कूल बस में बैठे बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं. कांग्रेस नेताओ ने कहा कि पिछले 40 महीनों में देश के किसी न किसी कोने में कोई संगठन संविधान और उसकी मूल सिद्धांतों को बदलने की कोशिश कर रहा है.

संविधान बचाओ रैली के माध्यम से एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने यह संकेत भी दिया कि आने वाले 2019 के चुनाव में वे फिर से आघाड़ी के साथ युति में रहेंगे. शिवसेना के साथ गठबंधन को उन्होंने सिरे से नकार दिया, यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के चुनाव में कांग्रेस एनसीपी की टक्कर बीजीपी-शिवसेना से होगी.

इस रैली में शरद पवार ने कहा कि जल्द ही दिल्ली में सभी विपक्षियों की एक बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि संविधान के मूलभूत सिद्धांत ‘गंभीर खतरे’ में हैं. गणतंत्र दिवस पर सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा वह एक महत्वपूर्ण दिन था, जब भारत ने समय से बहुत आगे के सिद्धांतों व मूल्यों का अंगीकार किया था. हमें इन्हें और आगे बढ़ाना चाहिए और हर नागरिक के लिए सही मायने में समानता सुनिश्चित करनी चाहिए.

पाटीदार अनामत आन्दोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि संविधान बचेगा तभी तो तिरंगा ऊँचा रहेगा.मेरा देश संविधान से चलता हैं ,हमने 68 वर्ष पहले इसी दिन अपने संविधान को अपनाया था. इसका मूलभूत सिद्धांत आजादी के साथ समानता का अधिकार है, जो आज गंभीर खतरे में है. हमें आज समानता व भाईचारे के स्तरों से परे जाने की जरूरत है, न कि पीछे जाने की.

यात्रा से पूर्व हुई नेताओ कि बैठक

सरदार सेना के संयोजक डॉ आर एस पटेल ने कहा कि बाबा साहब के रास्ते पर चल कर ही हिंदुस्तान में पुनः संबिधान को बचाया जा सकता है , संविधान बचाओ यात्रा से इस आन्दोलन का आगाज हो गया है ,देशवासियों से अपील है कि डॉ आंबेडकर व सरदार पटेल के बताए रास्ते पर चल कर ही पुनः देश को स्थापित किया जा सकता है .

यह रैली मंत्रालय के सामने स्थित डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकर की मूर्ति की पूजा के बाद गेटवे ऑफ़ इंडिया जाकर समाप्त हुई. सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मुंबई पोर्ट ट्रस्ट ने इस रैली की मंजूरी नहीं दी थी. बावजूद इसके रैली मंत्रालय से गेटवे ऑफ़ इंडिया तक निकाली गयी.इसके मद्देनजर पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है.

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