क्या प्रधानमंत्री कुछ भी बोल देते हैं : रवीश कुमार

नई दिल्ली .प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंग्रेजी चैनल टाइम्स नाउ को दिये इंटरव्यू में कहा कि जो लोग देश के बाहर रहते हैं और विदेशी दौरे पर जाते आते रहते हैं, उन्हें पता है कि आजकल भारतीय पासपोर्ट को कितने सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. दरअसल प्रधानमंत्री मोदी का कहना यह था कि केन्द्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद विश्व मंच पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है पर पीेएम नरेंद्र मोदी के इस बयान पर पीएम के आलोचक और पत्रकार रवीश कुमार ने असहमति जताई है.

उन्होंने ने अपने फेसबुक पर लिखा है कि प्रधानमंत्री ने टाइम्स नाउ से कहा कि आज भारत के पासपोर्ट की काफी इज्ज़त है. अंग्रेज़ी वाले एंकर जुगल दिन भर तो विपक्ष विरोधी और हिन्दू मुस्लिम पत्रकारिता करते रहते हैं, थोड़ा गूगल कर लेते तो पता रहता.

भारत से बाहर जाने वाले ही बता सकते हैं कि क्या पहले भारत के पासपोर्ट की इज्ज़त नहीं थी? और ये इज्ज़त होने का क्या मतलब है? क्या इस आधार पर लोगों को लौटा दिया जाता है? क्या आपको पता है कि शक्तिशाली पासपोर्ट वाले मुल्कों के मामले में भारत का स्थानी एशिया में आख़िर के तीन देशों में हैं.

मैंने कुछ दिन पहले फेसबुक पर पोस्ट किया था कि भारत के पासपोर्ट को च्यवनप्राश की ज़रूरत है. Henley Passport Index हर साल मुल्कों के पासपोर्ट की रैकिंग निकालता है. इसमें यह देखा जाता है कि आप किस देश का पासपोर्ट लेकर बिना वीज़ा के कितने देशों में जा सकते हैं.

जर्मनी का पासपोर्ट हो तो आप 177 देशों में बिना वीज़ा के जा सकते हैं. सिंगापुर का पासपोर्ट हो तो आप 176 देशों में बिना वीज़ा के जा सकते हैं. तीसरे नंबर पर आठ देश हैं जिनका पासपोर्ट होगा तो आप 175 देशों में वीज़ा के बग़ैर यात्रा कर सकते हैं. डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, इटली, जापान, नार्वे, स्वीडन और ब्रिटेन तीसरे नंबर पर हैं.9 वें नंबर पर माल्टा है और 10 वें पर हंगरी है .

एशिया के मुल्कों में सिंगापुर का स्थान पहले नंबर पर है. भारत एशिया के आखिरी तीन देशों में है. दुनिया में भारत के पासपोर्ट का स्थान 86 वें नंबर पर है. 2017 में 87 वें रैंक पर था. भारत का पासपोर्ट है तो आप मात्र 49 देशों में ही वीज़ा के बिना पहुंच सकते हैं.

एक और संस्था की रेटिंग है. Arton Capital यह भी ग्लोबल रैंकिंग जारी करती है. इसमें भारत का रैंक 72 है. भारतीय पासपोर्ट लेकर आप बिना वीज़ा 55 देशों की यात्रा कर सकते हैं.फ़ैसला आपको करना है. प्रधानमंत्री का हर जवाब धारणा के आधार पर होता है. हम मानते हैं तो आप भी मान लीजिए. अजीब हाल है. जवाब सुनकर लगा कि आज से पहले भारत ही नहीं था. कोई नाम नहीं जानता था और कोई इज्ज़त नहीं करता था.

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