शराब: कितने शॉट्स से असर होता है?
कभी सोचा है कि एक या दो शॉट्स से सच में क्या बदलता है? असल में शॉट्स की संख्या से ज्यादा फर्क पड़ता है आपकी बॉडी, ड्रिंक की ताकत और पिये जाने का तरीका। चलिए सीधे और साफ दिखाते हैं कि आमतौर पर क्या होता है और कैसे समझें कि आपकी सीमा कहां है।
एक शॉट में क्या होता है?
एक मानक शॉट मतलब करीब 30ml स्पिरिट (आम तौर पर 40% ABV)। ऐसे शॉट में लगभग 10 ग्राम शुद्ध अल्कोहल होता है। कुछ बार शॉट 45ml भी होते हैं, तब अल्कोहल ज्यादा होगा। समझें कि "शॉट" का साइज, ड्रिंक की ABV और ग्लास का आकार अलग-अलग जगह बदलता है।
इसलिए, सिर्फ शॉट्स गिनना भ्रम पैदा कर सकता है—जरूरी है कि आप ड्रिंक का आकार और ताकत जानें।
कितने शॉट्स से क्या असर होता है?
सामान्य रूप से: 1-2 शॉट्स से हल्का आराम, बोलने में खुलापन और सोशल आत्मविश्वास आता है। 3-4 शॉट्स से संतुलन और निर्णय पर असर पड़ने लगता है। 5 या उससे ज्यादा शॉट्स पर तेज नशा, समन्वय बिगड़ना और जोखिम बढ़ता है।
ये अनुमान है—वास्तविक असर आपके वजन, लिंग, उम्र, पेट भरा होना, दवाइयां और नियमित पीने की आदत पर निर्भर करेगा। मतलब एक ही संख्या हर किसी पर अलग तरह काम करेगी।
उदाहरण के लिए, 60 किलो के किसी व्यक्ति पर 2-3 शॉट्स का असर 90 किलो वाले व्यक्ति से ज्यादा होगा। रोज़ाना पीने वाले की सहनशीलता भी अलग होगी।
खाना साथ में लेने से अल्कोहल का असर धीमा होता है। सो, खाली पेट ज्यादा जल्दी नशा आता है।
अगर आप ड्राइव कर रहे हैं या काम पर जाना है तो शॉट्स से बचें—थोड़ी ही मात्रा से भी ड्राइविंग क्षमता प्रभावित हो सकती है।
कुछ स्थितियों में अल्कोहल बिल्कुल नहीं पीना चाहिए: गर्भावस्था, कुछ दवाइयों के साथ, या चिकित्सा समस्याओं में।
सुरक्षित रहने के साधारण नियम: शॉट्स में तेजी से बढ़ो मत, एक घंटे में एक शॉट की रफ्तार बेहतर है। बीच-बीच में पानी पियो और खुद पर नजर रखो। दोस्त अगर बेहोश हो रहे हों, उल्टी कर रहे हों या साँस धीमी हो रही हो तो तुरंत मदद मांगें।
अंत में, याद रखें—संख्या बताती है आम रुख, पर आपकी सीमा अलग हो सकती है। अपनी सीमा जानना और जिम्मेदारी से पीना ही सबसे अच्छा तरीका है।