दुबई एयरशो में तेजस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर विंग कमांडर नमन्श स्याल का शहादत

दुबई एयरशो 2025 के अंतिम दिन, 21 नवंबर, शुक्रवार को दोपहर के लगभग 3:40 बजे (स्थानीय समय), अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर एक अप्रत्याशित दुर्घटना ने पूरे भारत को सदमे में डाल दिया। विंग कमांडर नमन्श स्याल, 34 या 37 वर्ष के भारतीय वायु सेना के एक अनुभवी पायलट, अपने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) Mk-1 में एक जोखिम भरी एयरोबैटिक ट्रिक के दौरान जमीन से टकरा गए। आँखों के सामने वीडियो में देखा गया — विमान अचानक ऊँचाई खो रहा था, फिर जमीन पर जा गिरा और एक विशाल आग की गेंद बन गया। उनकी शहादत ने न केवल वायु सेना को, बल्कि पूरे देश को एक अपार नुकसान का सामना करना पड़ा।

एक पायलट, एक परिवार — जिसकी बात अभी तक नहीं हुई

नमन्श स्याल का जन्म हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पतियालकड़ गाँव में हुआ था। उनके पिता जगन्नाथ, एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी और हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल थे। माँ बीना देवी ने दुर्घटना से एक दिन पहले ही उनसे बात की थी — एक छोटी सी बातचीत, जो अब अनंत काल के लिए बंद हो गई। उनकी पत्नी, भी भारतीय वायु सेना की एक अधिकारी हैं। और उनकी छह साल की बेटी, जिसने आज अपनी माँ के हाथ में उनके बच्चे का एक छोटा सा बैग थामा हुआ था, अब अपने पिता को याद करेगी।

उनके घर के बाहर, गाँव के लोग रात भर बैठे रहे। ठंड में एक बोनफायर जल रही थी, लेकिन उसकी गर्मी भी उनके दिलों की ठंड नहीं दूर कर सकी। किसी ने कहा — "वो हमारा नम्मू था, जिसने अपने जीवन के अंतिम पलों में भी लाखों लोगों की जान बचाने के लिए विमान को नियंत्रित किया।" यह बात अभी तक आधिकारिक रूप से सत्यापित नहीं हुई, लेकिन गाँव के लोगों के बीच यह विश्वास जीवित है।

दुबई एयरशो के अंतिम पल

दुबई एयरशो 2025 दुनिया के सबसे बड़े एविएशन इवेंट्स में से एक था। यहाँ दुनिया भर के विमान निर्माता, रक्षा अधिकारी और लाखों दर्शक एकत्रित हुए थे। दुबई एयरशो 2025 के अंतिम दिन, भारत के घर बने तेजस विमान का प्रदर्शन एक बड़ा आयोजन था। नमन्श स्याल ने शुरुआत में एक नियमित फ्लाइट दिखाई, फिर एक निचली ऊँचाई पर एक जटिल लुप शुरू किया — एक ऐसा मूव जिसे अनुभवी पायलट भी बहुत कम बार करते हैं।

एक विशेषज्ञ विश्लेषण के अनुसार, विमान निचली ऊँचाई पर था और अगले मूव के लिए अपनी गति और ऊँचाई को समायोजित करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन उसके लिए बहुत कम समय था। जब विमान ने नियंत्रण खो दिया, तो पायलट के पास बचाव के लिए कोई विकल्प नहीं था। इस तरह के अभ्यासों में पायलट अक्सर अपनी जान जोखिम में डालते हैं — लेकिन आज, जब विमान जमीन से टकराया, तो यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक बहादुरी का प्रमाण बन गया।

शहीद का अंतिम सफर

23 नवंबर, रविवार को उनके शरीर को सुलूर वायु आधार में सैन्य सम्मान के साथ स्वीकार किया गया। फिर विमान द्वारा गग्गल हवाई अड्डा पर लाया गया। वहाँ से एक सैन्य ट्रक पर, फूलों से सजे हुए, उन्हें अपने गाँव ले जाया गया। सड़क के दोनों ओर लाखों लोग खड़े थे। गाने गुनगुनाए जा रहे थे — "जब तक सूरज चाँद रहेगा, नम्मू तेरा नाम रहेगा।"

अंतिम संस्कार के समय, उनकी पत्नी अपनी वायु सेना की यूनिफॉर्म में खड़ी थीं। उनकी आँखों में आँसू थे, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को अपने हाथ में लिए हुए, अपने पति के लिए एक अंतिम सलाम दिया। उनके कजिन ने अग्नि संस्कार किया। भारतीय वायु सेना के अधिकारी, राज्य के राजनेता, और गाँव के लोग — सब शांत रहे। यह एक शहीद का अंत नहीं, एक नायक का अंत था।

सरकारी प्रतिक्रिया और राष्ट्रीय शोक

सरकारी प्रतिक्रिया और राष्ट्रीय शोक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा — "उनकी बहादुरी, देशभक्ति और अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा के लिए हम सब उनके प्रति अनंत आभारी हैं।" सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भी उनकी शहादत के लिए संवेदना व्यक्त की।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने कहा — "हमारा देश एक बहादुर, कर्तव्यनिष्ठ और साहसी पायलट को खो रहा है।" पूर्व मुख्यमंत्री जैराम ठाकुर ने इसे "अत्यंत दुखद और दर्दनाक" बताया। लेकिन यह सब शब्द उस शोक को नहीं बता पाते जो पतियालकड़ के एक घर में छिपा हुआ है — जहाँ एक बेटी अब अपने पिता को फोटो में देखेगी, और एक माँ अपने बेटे के बिस्तर पर उसकी चादर बिछाए रखेगी।

तेजस विमान की बात — एक देश का गर्व, एक बेहद जोखिम

तेजस भारत का घर बना लड़ाकू विमान है। 2016 में इसकी सेवा में शुरुआत हुई। इसके बाद 2024 मार्च में जैसलमेर के पास एक दुर्घटना हुई थी — लेकिन उस बार पायलट ने सुरक्षित रूप से ईजेक्ट किया था। आज की घटना दूसरी थी — और इस बार बचाव नहीं हो पाया।

यह दुर्घटना तेजस के डिजाइन की त्रुटि नहीं है — यह एक अत्यधिक जोखिम भरे फ्लाइट का परिणाम है। विमान ने लाखों लोगों के लिए एक निश्चित आत्मविश्वास दिया है। अब वायु सेना ने एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की घोषणा की है। लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं।

अगले कदम — क्या होगा अब?

अगले कदम — क्या होगा अब?

दुबई एयरशो के बाद भारत के तेजस विमान के लिए एक नया अध्याय शुरू हो गया है। अब वायु सेना के फ्लाइट शेड्यूल में बदलाव हो सकते हैं। क्या अभ्यासों को और सावधानी से नियोजित किया जाएगा? क्या एयरोबैटिक ट्रिक्स के लिए नए नियम बनाए जाएँगे? यह सब का जवाब कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी देगा।

लेकिन एक बात तो अभी से स्पष्ट है — नमन्श स्याल की शहादत के बाद, तेजस के लिए एक नया नाम जुड़ गया है — नमन्श।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

तेजस विमान के लिए अब क्या नियम बदल सकते हैं?

अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन वायु सेना के स्रोतों के अनुसार, एयरोबैटिक फ्लाइट्स के लिए निचली ऊँचाई पर न्यूनतम 500 फीट की ऊंचाई अनिवार्य कर दी जा सकती है। इससे पहले भी ऐसे अभ्यासों में न्यूनतम 300 फीट की ऊंचाई थी। यह बदलाव दुबई की घटना के बाद अनिवार्य हो सकता है।

विंग कमांडर नमन्श स्याल की शहादत के बाद उनके परिवार को क्या सम्मान मिलेगा?

शहीद परिवार को भारतीय वायु सेना की ओर से एक बड़ा सम्मान और आर्थिक सहायता मिलेगी। इसमें एक बार की भत्ता, शहीद बेटे के लिए शिक्षा व रोजगार की व्यवस्था, और राष्ट्रीय सम्मान के रूप में उनके नाम पर एक स्मारक स्थापित किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी उनके गाँव में एक स्मारक स्थापित करने की घोषणा की है।

इस दुर्घटना के बाद तेजस विमान के निर्माण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

तेजस के निर्माण में कोई तकनीकी खामी नहीं पाई गई है। हालाँकि, यह दुर्घटना एक ऑपरेशनल जोखिम की ओर इशारा करती है। इसलिए HAL और IAF ने एक साथ मिलकर फ्लाइट प्रोटोकॉल की समीक्षा शुरू कर दी है। विदेशी खरीदारों के लिए भी यह एक चुनौती हो सकती है, लेकिन भारत के लिए यह एक निर्णायक बिंदु है।

क्या नमन्श स्याल के बच्चे के लिए भारतीय वायु सेना में नौकरी की व्यवस्था होगी?

हाँ। भारतीय वायु सेना के नियमानुसार, शहीद परिवार के बच्चे को जब उम्र पूरी होगी, तो उन्हें सीधे नौकरी के लिए आवेदन करने का अवसर मिलेगा — बिना प्रतियोगिता के। यह नियम शहीद परिवारों के लिए एक अहम सुरक्षा जाल है। नमन्श की बेटी अगर चाहे, तो भविष्य में वायु सेना की उड़ान भर सकती है — अपने पिता के नाम पर।