मध्यप्रदेश के इंदौर में अचानक ठंडक और हल्की बारिश के साथ अक्टूबर का मौसम बदल गया — ये सिर्फ एक असामान्य मौसमी बदलाव नहीं, बल्कि साइक्लोन 'मोंथा' का प्रभाव है। अक्टूबर 30, 2025 को दोपहर 2:54 बजे, भारतीय मौसम विभाग ने राज्य के 12 जिलों में ओरेंज और पीले अलर्ट जारी किए, जो नवंबर 1 तक लागू रहेंगे। इंदौर का तापमान 25.1°C तक गिर गया, जबकि उज्जैन में यह गिरकर 23°C हो गया — राज्य में सबसे कम। ये आंकड़े अक्टूबर के सामान्य तापमान (31-32°C दिन में, 21°C रात में) से काफी अलग हैं।
मौसम में अचानक बदलाव का कारण क्या है?
ये ठंडक और बारिश साइक्लोन 'मोंथा' के उत्तर की ओर बढ़ने का सीधा परिणाम है। जबकि अक्टूबर के शुरू में राज्य में 31°C तक का तापमान रहा, अब दो सप्ताह में ही 8-10°C की गिरावट आ गई। देवी अहल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानक्षेत्र के मौसम स्टेशन ने 25°C तापमान, 19°C ड्यू पॉइंट और 7 किमी/घंटा की हल्की हवाओं की रिपोर्ट की है। डॉ. राजेश वर्मा, भारतीय मौसम विभाग के भोपाल के सीनियर मौसम वैज्ञानिक, बताते हैं: 'हमारे इतिहास में अक्टूबर के अंत तक इतनी ठंडक और तेज हवाओं का अनुभव बहुत कम हुआ है। साइक्लोन की दिशा और तीव्रता ने आम बरसाती प्रणाली को बदल दिया।'
किन जिलों में सबसे ज्यादा प्रभाव?
ओरेंज अलर्ट वाले जिलों में खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बेतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांडहूर्ना, सीवन, जबलपुर, कातनी और पन्ना शामिल हैं। इन जिलों में हल्की बारिश, बिजली चमकना और 40-50 किमी/घंटा तक की तेज हवाएं चल रही हैं। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में तो हवाओं की गति सामान्य से 25% अधिक है।
किसानों और निवासियों को क्या चेतावनी?
मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की डायरेक्टर प्रिया शर्मा ने कहा, 'हमने ओरेंज अलर्ट वाले जिलों में आपातकालीन टीमें तैनात कर दी हैं। जिला नियंत्रण कक्ष 24x7 चल रहे हैं।' खेतों में लगे फसलें — खासकर तिलहन और सरसों — तेज हवाओं से खतरे में हैं। निचले इलाकों में जलभराव का खतरा भी है। इंदौर के बाजार में एक दुकानदार ने कहा, 'हमने अक्टूबर में ऐसी ठंडक नहीं महसूस की। गर्मी के बाद अचानक गर्मी की जगह बर्फ जैसा महसूस हो रहा है।'
इतिहास के मुताबिक, ये कितना असामान्य है?
अक्टूबर के औसत तापमान 22°C से 32°C के बीच होते हैं। राज्य में इस महीने में आमतौर पर 3 से 8 बारिश वाले दिन होते हैं। लेकिन इस बार, अक्टूबर के 26 तारीख को इंदौर में तापमान 23.3°C तक गिरा, फिर 30 तारीख को 25°C और 31 तारीख को 19°C तक। ये बदलाव आंकड़ों के अनुसार पिछले 25 सालों में सिर्फ दो बार हुआ है — 2003 और 2017 में। तब भी एक असामान्य उत्तरी तूफानी प्रणाली ने मौसम को बदल दिया था।
अगले कदम: क्या उम्मीद करनी चाहिए?
नवंबर 1 के बाद तापमान धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है। नवंबर 1 को इंदौर का तापमान 28.3°C (83°F) तक आने का अनुमान है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अगर साइक्लोन 'मोंथा' का बाकी बचा ऊर्जा अभी भी उत्तरी भारत की ओर बढ़ता है, तो नवंबर के शुरू में भी असामान्य ठंडक का खतरा बना रह सकता है। भारतीय मौसम विभाग अभी तक नवंबर 5 तक की भविष्यवाणी जारी नहीं कर चुका, लेकिन उसके अनुसार अगले दिनों में अगर कोई नया तूफान बने, तो ये बदलाव और भी लंबा हो सकता है।
क्या ये जलवायु परिवर्तन का संकेत है?
कुछ वैज्ञानिक इसे जलवायु परिवर्तन के एक संकेत के रूप में देख रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के तट पर बने साइक्लोन अब अक्सर उत्तर की ओर बढ़ रहे हैं — जिसका असर मध्य भारत तक पड़ रहा है। पिछले दस साल में, अक्टूबर में 30°C से कम तापमान वाले दिनों की संख्या 40% बढ़ गई है। ये बदलाव अक्सर जलवायु विशेषज्ञों की चेतावनियों को दोहराता है: 'मौसम अब अनुमान के अनुसार नहीं, बल्कि असामान्य घटनाओं के अनुसार बदल रहा है।'
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
साइक्लोन 'मोंथा' किस तरह से मध्यप्रदेश तक पहुंचा?
साइक्लोन 'मोंथा' अरब सागर में बना था और दक्षिणी महाराष्ट्र के तट पर जमीन पर आया। उसके बाद यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा और मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में अपनी ऊर्जा का एक हिस्सा छोड़ गया। इसके बाद का बादलों का प्रवाह और हवाओं का घूमना राज्य के अधिकांश हिस्सों में ठंडक और बारिश का कारण बना।
क्या ये बदलाव किसानों के लिए खतरनाक है?
हां, खासकर अगर फसलें अभी तक बढ़ रही हैं। तेज हवाएं सरसों, तिल और चना की फसलों को उखाड़ सकती हैं। बारिश भी बीज बोने के लिए अभी जल्दी है — ये नमी बढ़ने से फफूंदी का खतरा बढ़ जाता है। राज्य सरकार ने किसानों को फसलों को बांधने और जल निकासी के लिए निर्देश जारी किए हैं।
क्या इंदौर और उज्जैन में अगले कुछ दिनों तक ठंडक बनी रहेगी?
नवंबर 1 के बाद तापमान धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा, लेकिन अगर कोई नया उत्तरी वायु दबाव बनता है, तो ठंडक और भी लंबे समय तक रह सकती है। अभी तक का अनुमान है कि नवंबर 5 तक दिन का तापमान 26-28°C के बीच रहेगा, जो अभी भी सामान्य से कम है।
क्या इस साइक्लोन के कारण बारिश अब भी जारी रहेगी?
अलर्ट नवंबर 1 तक लागू है, लेकिन बारिश की उम्मीद अब तक अधिकतर अकेले बादलों से है। अगले 48 घंटों में बारिश बहुत हल्की होगी, लेकिन तेज हवाएं और आंधी का खतरा बना रहेगा। बारिश का असली खतरा तब होगा जब एक नया दबाव क्षेत्र बने।
क्या इस बदलाव का कोई ऐतिहासिक उदाहरण है?
हां, 2003 में साइक्लोन 'बार्बरा' ने अक्टूबर के अंत में राज्य में ठंडक लाई थी, और 2017 में भी एक असामान्य उत्तरी तूफानी प्रणाली ने इंदौर में तापमान 22°C तक गिरा दिया था। लेकिन इस बार तापमान गिरावट अधिक तेज और व्यापक है — जिसमें 20 शहरों में 26°C से कम तापमान रहा।
क्या इससे बिजली की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है?
हां, तेज हवाएं और बारिश से बिजली के तार टूट सकते हैं, खासकर पुराने लाइनों में। मध्यप्रदेश बिजली बोर्ड ने अभी तक कोई बड़ी बाधा की रिपोर्ट नहीं की है, लेकिन तैयारी के लिए टीमें तैनात हैं। निवासियों को बिजली की आपूर्ति के लिए अल्टरनेटिव स्रोत तैयार रखने की सलाह दी जा रही है।