बुधवार, 19 नवंबर 2025 को सुबह 10 बजे, भारतीय शेयर बाजार में एक नया नाम चमका — टेन्नेको क्लीन एयर इंडिया लिमिटेड। अमेरिकी ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी जायंट टेन्नेको ग्रुप की भारतीय सहायक कंपनी ने अपनी आईपीओ की कीमत ₹397 प्रति शेयर के मुकाबले 27.20% प्रीमियम पर लिस्टिंग की। एनएसई पर शेयर ₹505 पर खुले, बीएसई पर ₹498 पर। दोपहर तक ये चढ़कर ₹576 तक पहुँच गए — यानी IPO की कीमत से ज्यादा से ज्यादा 45% तक का फायदा। लेकिन शाम तक ये सब गायब हो गया। बंद हुआ ₹515 पर — एक छोटा सा लाभ, लेकिन इंट्राडे हाई के मुकाबले 11% का नुकसान।
आईपीओ का विस्तृत विवरण: एक अनूठा नमूना
ये आईपीओ किसी नए प्रोजेक्ट के लिए पैसा जुटाने का नहीं, बल्कि प्रमोटर्स के पुराने शेयर्स बेचने का था। इसे ऑफर-फॉर-सेल कहते हैं। फिर भी इसकी मांग इतनी ज्यादा थी कि अंतिम दिन (14 नवंबर, 2025) ये 59 गुना सब्सक्राइब हो गया। एंकर इन्वेस्टर्स ने अकेले ₹1,080 करोड़ निवेश किए — जो भारतीय आईपीओ इतिहास में शीर्ष 10 में शामिल है। ग्रे मार्केट प्रीमियम ₹104 तक चढ़ गया था, जिससे बाजार को पहले से ही एक अनुमान लग रहा था कि लिस्टिंग बहुत मजबूत होगी।
कौन है टेन्नेको क्लीन एयर इंडिया?
ये कंपनी ऑटोमोटिव इमिशन कंट्रोल सिस्टम बनाती है — जैसे कैटलिटिक कन्वर्टर, डीजल पार्टिकुलेट फिल्टर, और एयर फिल्टर। ये तकनीकें टेन्नेको ग्रुप के अमेरिकी और जर्मन रिसर्च सेंटर्स से आती हैं। इसके प्रमोटर्स में टेन्नेको मॉरीशस होल्डिंग्स लिमिटेड, फेडरल-मोगुल इन्वेस्टमेंट्स बीवी, और फेडरल-मोगुल पीटीएल लिमिटेड जैसे ग्लोबल एंटिटीज शामिल हैं। ये कंपनी टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, हुंडई, और टोयोटा जैसे ऑटो ओईएम्स को सप्लाई करती है।
क्यों इतना बड़ा रिस्पॉन्स?
शिवानी न्याती, स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट की हेड ऑफ वेल्थ, बोलीं: "इस कंपनी को दुनिया भर के ऑटो बाजार में अपनी जगह है। बीएस-वी स्टैंडर्ड्स के बाद भारत में इमिशन कंट्रोल टेक्नोलॉजी की मांग बढ़ गई है। ये कंपनी सिर्फ बनाती नहीं, बल्कि डिज़ाइन करती है।"
रवि सिंह, मास्टर कैपिटल सर्विसेज के चीफ रिसर्च ऑफिसर, बताते हैं: "एसयूवी और प्रीमियम कार्स की बिक्री बढ़ रही है। इनके लिए एडवांस्ड इमिशन सिस्टम जरूरी हैं। टेन्नेको के पास ये सब कुछ है — ग्लोबल आरएंडडी, लंबे समय के ऑईएम रिश्ते, और एक अच्छा पोर्टफोलियो।"
मिक्स्ड क्लोजिंग: क्या हुआ गलत?
लेकिन फिर भी शेयर बंद हुआ ₹515 पर — IPO की कीमत से सिर्फ 4.5% ऊपर। इंट्राडे हाई ₹576 से 11% कम। एक बड़ा सवाल उठता है: क्या ये बुलिश सेंटीमेंट सिर्फ शॉर्ट-टर्म है?
एक एनालिस्ट, जिनका नाम मनीकंट्रोल में नहीं दिया गया, ने कहा: "ये कंपनी कमाल का रोके (ROCE) दिखा रही है। लेकिन अब चुनौती है — बैलेंस शीट को ओवरस्ट्रेच न करें। ऑर्डर बुक देखना होगा।"
कुछ एक्सपर्ट्स सोचते हैं कि शेयर ने अपनी शुरुआत में बहुत ज्यादा खुलकर लिस्ट हो गया था। बाजार ने अपने आप में एक "कॉरेक्शन" कर लिया। ये आम बात है — जब आईपीओ बहुत ज्यादा सब्सक्राइब होता है, तो पहले दिन बहुत ऊपर जाता है, फिर थोड़ा नीचे आ जाता है।
भविष्य क्या है?
भारत में बीएस-वी के बाद अब बीएस-वीआर (वीएमएस) नियम आने वाले हैं। ये और भी कठोर होंगे। टेन्नेको के पास इसके लिए तैयारी है — उनके पास इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी नए टेक्नोलॉजीज के रिसर्च प्रोजेक्ट्स हैं।
एक बात जो स्पष्ट है: ये कंपनी अभी नहीं, बल्कि अगले 5 साल में अपनी कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा भारत से ही कमाएगी। और अगर ये अपने निवेश को सही तरीके से लगातार बढ़ाती रहे, तो ये एक नया ब्लू-चिप बन सकती है।
मार्केट कैप और डेटा: एक नज़र में
- आईपीओ प्राइस: ₹397 प्रति शेयर
- लिस्टिंग प्रीमियम: 27.20% (एनएसई पर ₹505)
- इंट्राडे हाई: ₹576 (30%+ प्रीमियम)
- क्लोजिंग प्राइस: ₹515 (एनएसई पर)
- मार्केट कैप: ₹20,604 करोड़ (इंडिया टीवी न्यूज़)
- आईपीओ सब्सक्रिप्शन: 59x (अंतिम दिन)
- एंकर इन्वेस्टमेंट: ₹1,080 करोड़
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
टेन्नेको क्लीन एयर इंडिया की लिस्टिंग कैसे भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को प्रभावित करेगी?
इस लिस्टिंग से भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को एक नया विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी पार्टनर मिला है। ये कंपनी अपने ग्लोबल आरएंडडी के साथ भारत में उच्च गुणवत्ता वाले इमिशन कंट्रोल सिस्टम उत्पादित करेगी, जिससे ऑईएम्स को आयात पर निर्भरता कम होगी। इसके अलावा, ये नई टेक्नोलॉजी के लिए एक नया बेंचमार्क स्थापित करेगी।
क्या ये शेयर अभी खरीदने के लिए अच्छा है?
शॉर्ट-टर्म में शेयर अभी अतिरिक्त ऊंचाई पर है, लेकिन लॉन्ग-टर्म के लिए देखना होगा कि क्या ये कंपनी अपने ऑर्डर बुक और मार्जिन्स को बनाए रखती है। अगर बीएस-वीआर नियम लागू होते हैं और ये कंपनी उनके लिए तैयार है, तो ये एक अच्छा लॉन्ग-टर्म निवेश हो सकता है।
टेन्नेको के प्रमोटर्स कौन हैं और वे अब क्या कर रहे हैं?
प्रमोटर्स में टेन्नेको मॉरीशस होल्डिंग्स लिमिटेड और फेडरल-मोगुल इन्वेस्टमेंट्स बीवी जैसे विदेशी एंटिटीज शामिल हैं। ये सभी ने अपने पुराने शेयर्स बेचकर लाभ प्राप्त किया। अब ये निवेशक नहीं, बल्कि एक बाहरी शेयरधारक बन गए हैं। इसका मतलब है कि कंपनी अब अपने आप में चलेगी।
भारत में इमिशन नियमों के बदलाव ने इस कंपनी को कैसे फायदा दिया?
2020 में बीएस-वी के लागू होने के बाद से, ऑटो निर्माताओं को अपनी गाड़ियों में उन्नत इमिशन कंट्रोल सिस्टम लगाना जरूरी हो गया। टेन्नेको के पास यही तकनीक है — जो अब भारत में एक अनिवार्य जरूरत बन गई है। इसने उनकी बिक्री और लाभ क्षमता को बढ़ाया है।
क्या ये कंपनी भारत में निर्माण करती है?
हाँ, टेन्नेको क्लीन एयर इंडिया के निर्माण सुविधाएँ भारत में स्थित हैं, भले ही सटीक स्थान नहीं बताए गए हैं। ये कंपनी न केवल भारतीय बाजार के लिए बनाती है, बल्कि यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया में भी निर्यात करती है। इसका मतलब है कि ये एक ग्लोबल लेवल पर काम करती है, लेकिन भारत पर आधारित है।
इस लिस्टिंग के बाद अगला कदम क्या होगा?
अगले तीन से छह महीने में ये कंपनी अपनी क्वार्टरली रिपोर्ट्स जारी करेगी। इनमें ऑर्डर बुक, मार्जिन्स और नए उत्पादों की रिलीज का डेटा होगा। अगर ये सब अच्छा रहा, तो शेयर फिर से ऊपर जा सकता है। अगर नहीं, तो बाजार इसे एक "प्राइस-ऑवर-इन्वेस्टमेंट" के रूप में देखना शुरू कर देगा।