छोटानागपुर पठार आदि काल से आदिवासियों का निवास स्थान रहा है, जहां हो, मुंडा, संथाल, उरांव आदि जनजातिय समुदायों के साथ कुड़मी / कुरमी (महतो) जनजाति भी आदि काल से साथ साथ रहते आ रहे हैं. मगर आज के वर्तमान परिस्थिति में टोटेमिक कुड़मी आदिवासी चौतरफा पक्षपात की नीतियों के बीच पिसते अपने पहचान व अस्तित्व की लड़ाई में जूझ…
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प्रेम चन्द्र ने तथाकथित ब्राहमणों की बैंड बजा दी
सोसल मीडिया पर प्रेम चन्द्र कि वाल इस समय चर्चा में है ,जिस में ब्राहमण जाती कि पोल खोली गई है ,वाल में लिखा है हिन्दू धर्म का ठेकेदार ब्राह्मण हिन्दू धर्म की एकता का शोर मचाकर कर रहा है एस सी ,एस टी ,ओबीसी और अलपसंख्यक के लोगो को गुमराह कर रहे है , आइऐ देखते है हिन्दू हिन्दू…
आगे पढ़े ...सत्ता के दम पर BJP नेता चला रहा था सेक्स रैकेट,BJP का बेटी बचाओ नारा हुआ तार -तार
नई दिल्ली .भाजपा महिला सम्मान,स्वभिमान की बात बड़े दावे के साथ मंचो से करती है ,ऐशा प्रतीत होता है की भाजपा नेताओ से बड़ा महिलाओं की इज्जत करने वाले दल और नेता नहीं है.उसी भाजपा के समर्पित नेता समाजसेवा के ढोग के बीच महिलाओ के जिस्म का सौदा कर इज्जत को तार तार कर भाजपा के बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ नारे…
आगे पढ़े ...मुलायम बने गले की फाँस
पारिवारिक संघर्ष के चलते सत्ता खो चुका समाजवादी परिवार अभी मानने को तय्यार नहीं है । मौजूदा सपा मुखिया के हाथों में समाजवादी पार्टी की कमान तो दिख रही लेकिन अखिलेश का नेत्रत्व कितना सफल रहा ये सभी देख चुकें है । उधर टीपू के चाचा ने अपनी बेज्जती का हिसाब चुकता करने का सही समय देखकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा…
आगे पढ़े ...चक्रव्यूह में योगी
सूबे का मुखिया कामकाजी दिखे , इससे ये नहीं माना जा सकता कि काम हो रहा है या काम दौड़ रहा है क्योंकि यूपी में काम बोलता है जैसे नारों और जुमलेबाज़ी से चल रही पिछली सरकार की दुर्दशा जनता ने कैसे कर डाली ये सभी देख चुकें है जनता ने परिवर्तन कर भाजपा को सत्ता सौंपी है इतना ही…
आगे पढ़े ...भगवा फोबिया से ग्रसित अखिलेश यादव
सत्ता से बाहर होने के बाद समाजवादी पार्टी के मौजूदा मुखिया आजकल हार के कारणों पर चिंतन-मंथन में जुटे हुए हैं … मंथन से क्या निकलेगा ये तो अखिलेश ही जाने लेकिन अंत में हार का ज़िम्मेदार सभी को ईवीएम ही नजर आने वाली है । ये बात बिलकुल तय है । सत्ता से बाहर होने के बाद समाजवादी पार्टी…
आगे पढ़े ...सामाजिक व्यवस्था पर भारी पड़ेगा, चौथे स्तंभ पर हमला !
विवेक शर्मा अंशु गत दिनो में जिस तरह से लोकतंत्र के चौथ स्तंभ पर हमले देखने को मिले है उसके बाद सबाल उठना स्वाभाविक है की आखिर क्यो मीडिया पर लोग हमलावर हो रहै है तो बही दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन मूक दर्शक की भूमिका में रह कर किस घटना के इंताजार में है,मौके की तलाश में विपक्षी दल इसी…
आगे पढ़े ...RSS बीमार लोगों का संगठन है , उनकी बीमारी से पूरे देश को ख़तरा है
दिलीप मंडल ब्राह्मणवाद और आंबेडकरवाद भारतीय चिंतन परंपरा के दो अलग ध्रुव हैं। इनमें से एक घटेगा, तो दूसरा बढ़ेगा। एक मिटेगा, तो दूसरा बचेगा। आंबेडकर की नजर में आरएसएस जिन लोगों का संगठन है, वे बीमार हैं और उनकी बीमारी बाकी लोगों के लिए खतरा है। राष्ट्र निर्माता के रूप में बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर की विधिवत स्थापना…
आगे पढ़े ...डॉ. अम्बेडकर साहब कहा करते थे समानता लाये बिना स्वतंत्रता का कोई अर्थ नही
आज 14 अप्रैल हमलोग भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर साहब जी की जयंती की बधाई एक दूसरे को दे रहे है। इसी क्रम में मेरी भी बधाई स्वीकार करे…. आज मैं आप सब से एक सवाल करने की इच्छा से पूछ रहा हु, कि क्या जयंतिया मना लेने या कुछ फोटोज को इधर उधर भेज देने भर से, देश मे…
आगे पढ़े ...डॉ आंबेडकर के आगे नतमस्तक क्यों संघ और भाजपा ?
भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 26 नवंबर को बड़े पैमाने पर संविधान दिवस मनाने का ऐलान किया था.अलग-अलग मंत्रालयों ने लेख-भाषण प्रतियोगिता के साथ समानता-दौड़ आदि का भी आयोजन किया.इसे एक बड़े अभियान के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जिसका दूसरा हिस्सा है अचानक राष्ट्रीय स्वयंसेवक और भारतीय जनता पार्टी के भीतर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर…
आगे पढ़े ...हिन्दू नाम कवच है ब्राह्मणों का ,ये हिन्दू नहीं विदेशी हमलावर है
इतिहास की विवेचना कर लीजिये ब्राह्मण द्वारा लिखे सारे ग्रन्थ छान मारिये जिन्हें ये भगवान् का संदेश बता कर पेश करते है जो भगवान् ने इन्हें संस्कृत में दिए थे , कही भी आपको हिन्दू शब्द नहीं मिलेगा , मिलेगा तो वर्ण वाव्य्स्था या जातिवाद वो भी भारतीय समाज में जिसे ब्राह्मण समाज ने खुद अपनी धूर्त चाल के तहत…
आगे पढ़े ...क्या दलित की बेटी सिर्फ दलित समाज में पैदा होने की वजह से कहती है मायावती
मैं बहन मायावती जी से पूछना चाहती हूं कि वह अपने आप को दलित की बेटी सिर्फ दलित समाज में पैदा होने की वजह से कहती है या दलित समाज के वोट बैंक की बोली लगाने के लिए ।जब वह सत्ता में होती है तो माना जा सकता है, की व्यस्तता की वजह से उन्हें दलित समाज के बीच में…
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