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जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष बने विधायक छोटू भाई वासवा

नई दिल्ल्ली .जनता दल यू में चल रहे विवाद का निर्वाचन आयोग द्वारा जेडीयू पर शरद यादव के दावे को सिरे से खारिज कर दिए जाने के बाद से समाप्त माना जा रहा थी किन्तु आज शरद यादव गुट ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नोटिस को धता बताते हुए गुजरात के आदिवासी नेता व विधायक छोटू भाई वासबा को जनता दल यू का कार्यकारी अध्यक्ष चुनते हुए अध्यक्ष पद पर काबिज नीतीश कुमार के निर्वाचन को अबैध बताया है .

जनता दल यूनाइटेड के शरद यादव खेमे ने गुजरात से विधायक छोटू भाई वसावा को आज पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है . जदयू के निष्कासित पूर्व रास्ट्रीय महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जदयू की कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया.
पत्रकारों से वार्ता में अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी अध्यक्ष पद नियुक्ति को रद्द कर विधायक छोटू भाई वासवा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.

पार्टी के उपाध्यक्ष के. राजशेखरन की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खेमे द्वारा महागठबंधन तोड़ कर भाजपा के साथ गठजोड़ करने सहित अन्य फैसलों को भी रद्द कर दिया गया. बैठक में पार्टी नेता जावेद रजा द्वारा पेश संगठन संबंधी प्रस्ताव में नीतीश कुमार द्वारा पार्टी के चुनाव अधिकारी बनाये गये अनिल हेगड़े की नियुक्ति को रद्द करने के सुझाव को मंजूरी दी गयी. इसके साथ ही हेगड़े द्वारा की गयी पदाधिकारियों की नियुक्ति स्वत: रद्द हो गयी.

उन्होंने बताया कि बैठक में देश भर से जुटे जदयू नेताओं ने नीतीश खेमे द्वारा भाजपा से गठजोड़ करने को जनादेश का अपमान बताते हुये इस फैसले को रद्द किया है. इसके अलावा हाल ही में नीतीश खेमे द्वारा जदयू पदाधिकारियों को पार्टी से निकालने के फैसले को भी निष्प्रभावी घोषित कर हटाये गये प्रदेश अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को उनके पद पर बहाल कर दिया.

उन्होंने कहा कि इस बैठक में दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित 19 राज्य इकाईयों के अध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के हिस्सा लेने का दावा करते हुये शरद गुट को ही वास्तविक जदयू बताया है . शरद यादव की भविष्य की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी ने उन्हें समाजवादी विचारधारा वाले दलों को साझी विरासत अभियान के माध्यम से एक मंच पर लाकर भविष्य में महागठबंधन को प्रभावी स्वरूप में गठित करने की जिम्मेदारी सौंपी है.कार्यकारिणी ने नीतीश खेमे के पार्टी विरोधी फैसलों की समीक्षा के लिये अनुशासन समिति का गठन किया है. तीन सदस्यीय इस समिति की अध्यक्षता वह स्वयं करेंगे, जबकि पार्टी के चुनाव चिन्ह सहित अन्य मामलों से जुड़े विवादों पर भविष्य की रणनीति तय करने के लिये जदयू महासचिव जावेद रजा की अध्यक्षता में चुनाव विवाद समिति गठित की गयी है.

सनद रहे कि सांसद शरद यादव ने 25 अगस्त को चुनाव आयोग के सामने पार्टी और चुनाव चिन्ह पर अपना दावा जताया था.शरद यादव द्वारा दायर की गयी याचिका के विरोध में बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की अध्‍यक्षता वाली पार्टी जदयू भी चुनाव आयोग के पास अपनी याचिका लेकर पहुंची थी . जदयू ने यह भी कहा है कि शरद यादव ने अपनी मर्जी से पार्टी का साथ छोड़ा है व पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्‍त हैं.इसके विरोध में याचिका दायर करने वाले प्रतिनिधिमंडल में नीतीश कुमार के ख़ास सिपहसालार सांसद आरसीपी सिंह, संजय झा, ललन सिंह व केसी त्‍यागी थे .
चुनाव आयोग ने मामले पर विचार कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खेमे को असली जदयू बताते हुए शरद के जेडीयू पर दावे को सिरे से खारिज कर दिया था . 

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