भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह की कट्टरसंघी मानसिकता का भरपूर उपयोग किया
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावो के नतीजे इस बात के इशारे कर रहे हैं कि सपा अखिलेश यादव के “काम बोलता है” के नारे पर जातीय गोलबंदी के साथ हिंदुत्व का तडका भारी पड़ गया. 2014 के लोकसभा चुनावो में पिछड़ी और दलित जातियों का जो समर्थन नरेन्द्र मोदी को मिला था वह इस बार और ज्यादा बढ़ गया . भाजपा ने अपनी रणनीति शुरू से ही साफ़ रखी थी और यादव को अलग रख कर अन्य पिछड़ी जातियों कुर्मी ,मौर्या ,कुशवाहा ,राजभर ,लोध आदि की गोलबंदी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सांसद केशव मौर्या को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौपने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या सरीखे बसपा नेता को भाजपा में लिया तो ओम प्रकाश राजभर .कौशल किशोर के जरिये बड़े जातीय समूहों में अपनी पकड़ मजबूत की. इसी तरह दलित जातियों में मायावती के मजबूत किले में भाजपा ने बीते दो चुनावो में लगादी सेंध लगायी है. इसके लिए कौशल किशोर सरीखे नेताओं ने बड़ी भूमिका निभाई.
भाजपा के शीर्ष नेतृतव ने प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह की कट्टर संघी मानसिकता का भरपूर उपयोग किया जिसके कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैलियों की जिम्मेदारी स्वतन्त्र देव के कंधो पर थी .इन रैलीयो को सफल कराकर स्वतंत्र देव सिंह ने अपनी कार्यक्षमता और कुशल सांगठनिक होने का एहसास भी शीर्ष नेतृत्व को करवया. स्वजातीय बाहुल्य विधानसभा में स्वतंत्र देव ने जमकर भाजपा का प्रचार प्रसार कर इस जीत में अहम् भूमिका अदा किया है .
तो इस चुनावो के दौरान भाजपा ने इस जातीय समीकरण में हिंदुत्व का रंग भरना शुरू किया और पहले ही चरण में हिन्दूवादी नेता योगी आदित्यनाथ को प्रचार में उतार दिया. दंगो की आग में झुलस चुके पश्चिमी उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने खूब सभाएं की और हिन्दू भावना का उभार किया. इसके बाद तीसरे चरण के समय खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शमशान बनाम कब्रिस्तान का मुद्दा उठाया. नरेन्द्र मोदी के इस जुमले की मार बहुत लम्बी गयी और इसके बाद ही जातीय गोलबंदी सांप्रदायिक ध्रुवीकारण में बदल गयी. उत्तर प्रदेश में विकास के मुद्दे कही पीछे छूटे और हिन्दू ह्रदय सम्राट की नरेन्द्र मोदी की छवि ने बाकी का काम तमाम कर दिया.
(खबर कैसी लगी बताएं जरूर. आप हमें फेसबुक, ट्विटर और जी प्लस पर फॉलो भी कर सकते हैं.)