लखनऊ । उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर एक इंडियन एयरफोर्स के अधिकारी को सलाह दी गई है कि अगर उन्हें इस्लाउमिक शरिया के मुताबिक दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं दी जाती है तो वह नौकरी छोड़ दें। मदरसे द्वारा जारी किए गए फतवे के बाद विवाद बढ़ गया है। दरअसल, एक आईएएफ के अधिकारी ने दारूल उलूम से ऑनलाइन सवाल किया था कि उसने छोटी उम्र में नौकरी ज्वाइन की थी। उस वक्त उसकी दाढ़ी नहीं थी, लेकिन अब वह दाढ़ी रखना चाहता है, जिसकी इजाजत उसे नहीं मिल रही है। इस स्थिति में वह क्या करें, क्या नौकरी छोड़ दे या जारी रखें? इस सवाल का मदरसे ने जवाब देते हुए कहा कि नौकरी की शुरुआत में आपने एग्रीमेंट साइन किया है तो ऐसी स्थिति में आपके पास दो ऑप्शदन हैं। अगर आप आर्थिक रूप से मजबूत हैं तो आप नौकरी छोड़ सकते हैं, लेकिन आपके पास पैसे कमाने का कोई जरिया नहीं है तो आप नौकरी जारी रखें और अल्लाह से मांफी मांगते रहें। मदरसे की ओर से यह भी कहा गया है कि वह दूसरी नौकरी की तलाश करते रहें और जब उन्हें नौकरी मिल जाए सेना की नौकरी को छोड़ दें। मदरसे ने ये भी कहा कि अगर आपको धार्मिक आजादी मिल रही है और धार्मिक कस्टछम्स। को एडॉप्टा करने में कोई बैन नहीं है, जैसा कि भारतीय संविधान में लिखा है। ऐसे मामले पर आप किसी भी अच्छे वकील की सलाह ले सकते हैं।
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