सहारनपुर. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लव कुमार ने बताया कि स्थानीय भाजपा सांसद राघव लखनपाल शर्मा के नेतृत्व में एक भीड़ उनके घर में घुसी और उनको नौकरी से बर्खास्त करने के लिए उकसाया.
एसएसपी ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र को बताया कि जब 400 दंगाई उनके घर में घुसे तो उनके रिश्तेदार और परिवार के सदस्य अपने ही घर में सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद आतंक की स्थिति में थे.
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चश्मदीदों के मुताबिक गुस्साई भीड़ ने जुलूस को रोका, दंगाईयों ने सीसीटीवी कैमेरे, कुर्सियां और लव कुमार की ऑफिशियल नेमप्लेट को तोडा. भाजपा सांसद ने कथित तौर पर कहा कि नालायक अधिकारी जल्द ही बर्खास्त कर दिए जाएंगे.
कुमार ने कहा कि मेरे परिवार ने ऐसा कभी नहीं देखा था जब मेरे निवास पर हमला किया गया , मेरे बच्चे इतना डरे हुए थे.
इस मामले में भजापा सांसद लखनपाल और भाजपा विधायक राजीव के अलावा 12 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. भीड़ को उकसाने के लिए भाजपा सांसद को एफआईआर में नामित किया गया है. लखनपाल तीन बार विधायक रह चुके हैं. साल 2014 में कांग्रेस के इमरान मसूद के खिलाफ उन्होने चुनाव जीता था.
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भाजपा सांसद लखनपाल दंगा के पीड़ितों की रक्षा में असफल रहने के लिए पुलिस को दोषी ठहराया.उन्होने आरोप लगाया कि एसएसपी विवाद सुलझाने में असमर्थ था और आगे बढ़ने में लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में असफल रहा. अब वह मुझे गड़बड़ी निकालकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है.
भाजपा सांसद के नेतृत्व में अंबेडकर जयंती पर शोभा यात्रा जुलूस के दौरान एसएसपी लव कुमार पत्थरबाजी के दौरान घायल हो गए जब वह हिंसा को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे. एसएसपी ने कहा कि आयोजकों ने अनुमति से वंचित होने के बावजूद जुलूस निकला . कुमार ने कहा मेरे संज्ञान में यह आया था कि गांव में अंबेडकर जयंती के अवसर पर कोई भी जुलूस ले जाने की कोई मिसाल नहीं थी. इसलिए हमने इस बार भी इस जुलूस के लिए अनुमति नहीं दी थी. सदक दुधली के किसी भी गांव के दलित समुदाय ने जुलूस में हिस्सा नहीं लिया क्योंकि हम जानते हैं कि भीड़ में बाहरी लोग थे. वे मुझ पर पत्थरबाजी के दौरान ओपन फायर करने के लिए दबाव बनाने का प्रयास कर रहे थे. एक जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी के रुप में मैं बहुत अच्छी तरह जानता हूं कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कब और क्या कार्रवाई करनी चाहिए. जब मैने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया तो वह हमें डरपोक कहकर उकसाने लगे. बाद में दंगाई मेरे घर पर आ गए और वहां उन्होने मेरी नेमप्लेट और सीसीटीवी को तोड़ दिया.उन्होने मेरे ऑफिस में कुर्सियां बदल दी और फिर यहां लटकने वाले नक्शे भी फाड़ डाले.
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