लखनऊ .स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है ,स्कूल में अध्यन कर रहा हर छात्र एक सामान होकर शिक्षा ग्रहण करता है किन्तु आगरा में एक स्कूल के अधिकारी द्वारा जातिवादी कारणों से दसवीं कक्षा के दलित छात्र के साथ उत्पीड़न का मामला सामने आया है।,आरोपों के अनुसार उक्त दलित छात्र द्वारा फ्लैट पर बंधुआ मजदूर की तरह शौचालय साफ करना पड़ता था, और फिर साहब के कुत्तों की मालिश भी करनी पड़ती थी.
प्राप्त समाचार के अनुसार आगरा के सैंया ब्लॉक स्थित सिंकदरपुर गांव का एक किशोर राजकीय स्वच्छकार आश्रम पद्धति विद्यालय इटौरा में 10वीं कक्षा का छात्र है, उसके पिता नाई का काम करते हैं. उस ने अपने साथ हुई इस घटना के बारे में बताते हुए कहा कि उसके स्कूल अधीक्षक उससे खुद अपनी मालिश करवाते रहे, मालिश करने के हुनर से खुश होकर वह उसे एक समाज कल्याण अधिकारी के गाजियाबाद वाले फ्लैट पर लेकर गए जहा हमें छोड़कर स्कूल अधीक्षक वापस आगरा लौट आए.
छात्र का आरोप है कि गाजियाबाद स्थित अधिकारी के फ्लैट पर उससे घर का पूरा काम लिया जाता था, और इतना ही नहीं बल्कि कुत्तों को नहलाने और उसके बालों में कंघी करने का काम भी उस से करवाया जाता था.जब तब शौचालय भी साफ़ करने पड़ते थे किन्तु हमें खाना भी ढंग से नहीं दिया जाता था.
करीब सवा महीने गुजारने के बाद किसी तरह से एक दिन वहां से भागकर अपने घर आगरा पहुंच गया और अपने साथ हुए इस पूरे मामले की जानकारी परिजनों को दी .जिसके बाद परिवार वालों ने मामले की शिकायत स्कूल प्रशासन और उप निदेशक समाज कल्याण से किया किन्तु दोनों अधिकारीयो ने ही इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं किया .(लेखक महेन्द्र यादव मध्य प्रदेश निवासी वरिष्ठ पत्रकार हैं, )
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