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राष्‍ट्रवाद बेचकर धंधेबाज बन गए रामदेव, जानिए क्‍या कहा ऐसा !

नई दिल्‍ली : राष्‍ट्रवाद की चासनी में धंधा शुरू करने वाले बाबा रामदेव किस तरह व्‍यापारी बन गए हैं, इसका खुलासा एक टॉक शो में हो गया। रामदेव ने चीनी और विदेशी उत्‍पादों के बहिष्‍कार करने की बात तो कही, लेकिन विदेशी बाजारों में भारतीय उत्‍पादों के निर्यात की वकालत भी की। राष्‍ट्रवादी रामदेव अब बांग्‍लादेश, नेपाल यहां तक कि पाकिस्‍तान में भी धंधा करने को तैयार हैं। बाबा कहते हैं कि पतंजलि समूह गरीब देशों का शोषण नहीं करेगा, हम बंगलादेश, नेपाल, पाकिस्‍तान और अफ्रीकी देशों में जो भी लाभ कमाएंगे उसे भारत नहीं लाएंगे, बल्कि वहीं पैसा फिर से निवेश करेंगे। यानी साफ है कि राष्‍ट्रवाद की चासनी से उपजे बाबा पूरी तरह धंधेबाज बन गए हैं।

एक टॉक शो में धंधा गुरु ने कहा कि अगले दो सालों में पतं‍ललि एक लाख करोड़ रुपए रुपए की उत्‍पादन क्षमता को हासिल करने का लक्ष्‍य रखा है। रामदेव ने बताया कि हरिद्वार इकाई की उत्‍पादन क्षमता 15000 करोड़, तेजपुर की 25000 करोड़ रुपए है। नोएडा, नागपुर, इंदौर और आंध्र प्रदेश की इकाइयां शुरू होने के बाद उत्‍पादन क्षमता बढ़ जाएगी। उन्‍होंने बताया कि हमारे पास 50 छोटी इकाइयां भी हैं, जहां हम खाद्य तेल, नमक एवं अन्‍य सामान बना रहे हैं। अगर हम अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त कर लेते हैं तो यह कुल 10 लाख करोड़ रुपए के एफएमसीजी बाजार हमारी हिस्‍सेदारी दस फीसदी हो जाएगी।

योग गुरु से व्‍यापारी बने बाबा ने कहा कि पतंजलि जल्‍द ही जींस, ट्राउजर्स, कुर्ता, कमीज, सूटिंग, स्‍पोर्ट्सवियर और योग वियर के धंधे में भी हाथ आजमाने जा रही है। रामदेव ने कहा है कि उनकी योजना पतंजलि को अगले 4 सालों में सबसे बड़ा एफएमसीजी ब्रांड बनाना है. 10,000 करोड़ के पतंजलि समूह के लिए अपने ‘उत्तराधिकार की योजना’ का खुलासा भी रामदेव ने किया। उन्‍होंने कहा कि उनके उत्तराधिकारी उनके द्वारा प्रशिक्षित लगभग 500 साधुओं की एक टीम होगी। इसके साथ ही उन्‍होंने वित्‍त मंत्री अरुण जेटली से गाय के घी और मक्‍खन पर बढ़ाई गई जीएसटी की दर को भी कम करने की मांग की।

राजनीति में पूरी दिलचस्‍पी लेने वाले और राजनीतिज्ञों के अगल-बगल दिखने वाले रामदेव ने कहा कि उन्‍होंने अपनी कंपनी के लिए कभी भी राजनीतिक संपर्कों का इस्‍तेमाल नहीं किया। बाबा ने कहा कि मैं पूरी जिम्‍मेदारी के साथ यह कह सकता हूं कि मैंने मोदी सरकार से एक भी पैसा नहीं पाया है। खैर, यह उल्‍लेखनीय है कि नोएडा, नागपुर, इंदौर, जहां उनकी इकाइयां खुल रही हैं, वह सभी राज्‍य भाजपा शासित हैं।

साभार -प्रहार लाइव

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