नई दिल्ली.जनता दल युनाईटेड में चल रही जंग में अपनी पार्टी होने का दावा कर रहे पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को तकड़ा झटका लगा है .जेडीयू के संस्थापक रहे शरद यादव व उनके ख़ास सिपहसालार रहे अली अनवर राज्यसभा के सभापति ने उनकी सदन की सदस्यता को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया. राज्यसभा में जेडीयू के नेता आरसीपी सिंह की याचिका पर यह आदेश आया है.
सनद रहे कि जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने नवंबर में राज्यसभा के सभापति के सामने इन दोनों नेताओं के पार्टी विरोधी गतिबिधियो के कारण उनकी सदस्यता को रद्द कराने का प्रस्ताव रखा था. 17 नवंबर को चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी अध्यक्ष मानते हुए उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह तीर रखने का निर्देश दिया था किन्तु शरद गुट ने चुनाव आयोग के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देकर फैसले पर विचार करने की याचिका दाखिल किया था ,जिसे हाइकोर्ट दिल्ली ने भी ख़ारिज कर चुनाव आयोग के फैसले को सही माना था .इसके बाद ही माना जा रहा था कि इन दोनों नेताओं को अपनी सदस्यता से हाथ धोना पड़ सकता है.
पार्टी में चल रहे जंग पर गौर करे तो अगस्त में ही जेडीयू ने शरद यादव को राज्यसभा में पार्टी के नेता के पद से हटा दिया था और उनकी जगह आरसीपी सिंह को नेता बनाया गया था. नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद से ही शरद यादव उनसे नाराज चल रहे थे. पार्टी नेताओं के खिलाफ जाकर उन्होंने बिहार में राजद पसुप्रीमो लालू प्रसाद की 'बीजेपी भगाओ देश बचाओ' रैली में हिस्सा लिया था और उसके मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था.
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