बीघापुर,उन्नाव। हालत खस्ता हाल हो गई धरती के भगवान की, नहीं किसी को फिक्र रही अब इनके सम्मान की,कभी इसे सूखे ने मारा कभी बाढ़ बेहाल करे,सरकारें तो सब होती हैं बस केवल धनवान की। बातें बड़ी-बड़ी होती हैं ज्ञान और विज्ञान की,लाशे लटक रहीं हैं फिर भी देखो आज किसान की, हाड़ तोड़ मेहनत कर इसने फसल उगाया खेतों में, नीति बनेगी मेरे देष में कब इनके उत्थान की। यह पंक्तियां बारा निवासी 75 वर्षीय किसान कृष्ण पाल सिंह पुत्र शिव लोचन सिंह पर सटीक बैठती हैं।
शिव लोचन की 6 एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए पिछले 40 वर्षों निजी नलकुप संचालित है।जिसमें 10 केवी का बिजली का कनेक्शन बीघापुर पावर हाउस से से संचालित है।जिसका बिल भी नियमित रूप से जमा है। इस नलकूप के संचालन के लिए 25 केवीए का ट्रांस्फार्मर 21/07/2017 को जल गया था,जिसकी शिकायत बुजुर्ग किसान ने उसी तिथि को जेई से फोन पर की थी,और बीघापुर पावर हाउस में शिकायत पंजिका में शिकायत संख्या 54 दर्ज कराई।उसके बाद 05/08 2017 को टोल फ्री 1912 पर फिर शिकायत एमवी 0508170221 दर्ज कराई। 09/08/2017 को पुनः जेई व एसडीओ को मोबाइल पर मैसेज कर शिकायत दर्ज कराई। लेकिन अब तक फुंका हुआ ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया।तो ये हाल है सरकारी दावों का कि एक बुजुर्ग किसान की लगभग दो महीनों से तमाम शिकायतों के बाद भी समस्या हल नहीं हुुई और उसकी 6 एकड़ धान की फसल सूख चुकी है।
सरकार की घोषणाएँ व दावे पूरी तरह से हवाहवाई हैं या तंत्र में षड्यंत्र है यह तो जांच का विषय है वहीं मोदी सरकार की सौभाग्य योजना भले ही वाहवाही बटोर रही हो पर जमीनी हकीकत किसान कृष्ण पाल के दिल से पूछी जा सकती है।
रिपोर्ट : डॉ. मान सिंह