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रालोद प्रत्याशी राजबाबू का नामांकन जानबूझकर खारिज करने का आरोप

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल दुबे ने आरोप लगाया है कि बक्शी का तालाब सीट से रालोद प्रत्याशी राजबाबू का नामांकन रिर्टनिंग आफीसर द्वारा जानबूझकर खारिज किया गया है।

इस मामले पर गुरूवार को दुबे ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी वेंकटेश से मुलाकात कर शिकायती पत्र सौंपा। रालोद ने राजबाबू के नामांकन पत्र को वैध कराने की मांग की।

श्री दुबे ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात करके अवगत कराया कि राजबाबू बक्शी को तालाब, लखनऊ विधानसभा संख्या-169 से रालोद द्वारा खड़ा किया गया है ।

इन्होंने अपना नामांकन 31 जनवरी को निर्वाचन अधिकारी बक्शी का तालाब के समक्ष किया गया था और 31 जनवरी को ही निर्वाचन अधिकारी द्वारा सरसरी तौर पर नाम निर्देशन पत्र की समीक्षा उपरान्त इन्हें नोटिस निर्गत किया गया जिसमें चेक लिस्ट सभी कालम दुरूस्त है जिसमें आरओ द्वारा शपथ पत्र के प्रारूप 26 के विवरण में यह अंकित किया गया कि शपथ पत्र के कालम 7, 8 और 11 ब्लैंक है।

जबकि इनके द्वारा लागू न होने के कारण उन्हें काट दिया गया था। फिर भी निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में स्पष्टीकरण सहित समस्त सुसंगत अभिलेख राजबाबू शपथ पत्र निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने गये किन्तु निर्वाचन अधिकारी श्रीमती ज्योत्सना यादव ने अपनी नोटिस के क्रम में उक्त शपथ पत्र न तो ग्रहण किया और न ही साक्ष्य व सुनवायी का अवसर दिया अपितु सुरक्षाकर्मियों से इन्हें बाहर निकलवा दिया गया।

दुबे ने आगे बताया कि निर्वाचन अधिकारी बक्शी का तालाब द्वारा पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर इनका नामांकन पत्र पूर्ण होते हुये भी खारिज कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इसी निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचन अधिकारी सपा प्रत्याशी गोमती यादव के नामांकन पर्चे में -(डैस) का निशान होने के बावजूद उनका पर्चा वैध करार दिया गया जबकि-(डैस) का निशान अवैध की श्रेणी में माना जाता है।

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