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सहकारी बैंकों पर लगी रोक न हटाने से किसान बर्बाद होगा –शिवपाल

लखनऊ.समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी से किसानों को जो छूट दी है, वह झुनझुना  मात्र  है. केवल सरकारी दुकानों से बीज और खाद खरीदने की छूट दी गई है, जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है.मैं प्रधानमंत्री जी को अवगत कराना चाहता हूं कि इफको व कृभको केंद्र सरकार की संस्थाएं हैं. इनके द्वारा दिया गया सामान पीसीएफ के माध्यम से जिला सहकारी संस्थाओं तक पहुंचता है और संस्थाओं के माध्यम से बीज व खाद आदि सामान किसानों तक पहुंचता है.

उन्होंने कहा कि किसानों का पैसा जिला सहकारी बैंकों में होता है. इसके अलावा किसानों को खाद और बीज खरीदने के लिए सस्ती दरों पर जो लोन दिया जाता है वह जिला सहकारी बैंक देते हैं और जिला सहकारी बैंकों पर प्रधानमंत्री ने रुपयों के लेन देन पर रोक लगा रखी है. जबकि इन बैंकों को लाइसेंस भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ही दिया जाता है.

शिवपाल ने कहा कि किसानों का पैसा सहकारी बैंकों में जमा है, उस पर से तो रोक हटाई नहीं गई. केवल सरकारी दुकानों से बीज और खाद खरीदने की छूट दी गई है, जो ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है.

उन्होंने कहाहम मांग करते हैं कि तुरंत सहकारी बैंकों पर लगी रुपयों के लेनदेन की रोक हटाई जाए. उन्होंने कहा कि यदि सहकारी बैंकों और संस्थाओं पर लगी रोक नहीं हटाई गई तो उप्र और देश का किसान बर्बाद हो जाएगा और यदि किसान बर्बाद हुआ तो देश में भुखमरी फैल जाएगी.

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