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BHU में घुसकर भगवाधारी गुंडों ने समीर यादव को बुरी तरह पीटा

लखनऊ .शिक्षा के क्षेत्र में देश-विदेश में इतिहास रचने वाला काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इन दिनों भगवाधारी गुंडों का अड्डा बन गया है .काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एक बार फिर भगवा गुंडों का कहर बरपा और इस बार शिकार हुआ दृश्य कला संकाय का छात्र समीर यादव.

आरोप है कि हमलावरों ने कट्टे की नोक पर समीर को कक्षा से बाहर घसीटा, फिर उसे नंगा किया और लात-घूंसों से इस कदर मारा कि वह बेहोश हो गया. समीर की रक्षा के लिये जब छात्र हमलावरों की ओर दौड़े तो वे उसे वहीं छोड़कर फरार हो गये.साथी छात्र पर दिनदहाड़े हुये इस हमले को लेकर भारी संख्या में छात्र धरने पर बैठ गए. दूसरी ओर हमलावरों को संरक्षण देने वाले विश्वविद्यालय प्रशासन ने संकाय में फोर्स तैनात कर दिया .

चश्मदीद छात्रों के मुताबिक समीर यादव क्लास में था. उसी दौरान 10-15 की संख्या में भगवा गमछा लिये हमलावर जै श्री राम का नारा लगाते हुए कक्षा में घुस गए. आरोप है कि उन्होंने कट्टे के बल पर छात्र समीर यादव को बाहर ले गए और उसे लात- घूसों से मारना शुरू ककर दिया.उसके कपड़े फाड़कर नंगा कर दिया.

साथी छात्र के साथ घटी घटना की सूचना मिलते ही कई छात्र पीट रहे छात्र की ओर दौड़े तो हमलावर वहां से भाग निकले।.तब तक समीर बेहोश हो चुका था.

घटना की सूचना पर सैकड़ों छात्र जुट गए और लंका थाने का घेराव कर दिया फिर घायल छात्र के साथ ट्रामा सेंटर पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए धरने पर बैठ गये.छात्रों ने आरोप लगाया की हमलावरों में बिड़ला हास्टल में अवैध रूप से रहने वाले कुछ छात्रों के साथ आशुतोष सिंह यीशु, अभिषेक सिंह, शिवम, बलवंत, वासुदेव और गौरव सिंह नामक छात्र भी शामिल थे.

इन सभी छात्रो के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराई गई है.इनमें कुछ छात्रों को प्राक्टोरियल बोर्ड में शामिल और फर्जी ढंग से नियुक्त एक एसोसिएट प्रोफेसर तथा विकलांग कोटे में नियुक्त एक असिस्टेंट प्रोफेसर का संरक्षण प्राप्त है.

घटना की सूचना पर सीओ भुल्लनपुर फोर्स के साथ ट्रामा सेंटर पहुंचे और आक्रोशित छात्रों को समझाने लगे लेकिन छात्र अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे. काफी जद्दोजहद के बाद सीओ ने आश्वासन दिया कि 24 घंटे के अन्दर हमलावरों पर कार्रवाई की जाएगी.फिर छात्रों ने धरना समाप्त किया.

बता दें कि इन्हीं भगवाधारी गुंडों ने गत 27 जुलाई को विश्वविद्यालय परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर के पास एक पत्रकार को मारा-पीटा था और उनका मोबाइल छीनकर अपनी अवैध वसूली का वीडियो डिलीट कर दिया था. उस समय प्राक्टोरियल बोर्ड के लोग वहां मौजूद थे लेकिन उन्होंने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उनकी शह में दुकानदारों से अवैध वसूली जारी रही.

पीड़ित पत्रकार ने एसएसपी और डीजीपी को लिखित तहरीर देकर हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई कृरने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. पुलिस प्रशासन के गैरजिम्मेदाराना रवैये और विश्वविद्यालय प्रशासन के संरक्षण में भगवाधारी गुंडों ने वंचित समुदाय के छात्रों पर तेज कर दिया है, जिसकी परिणति शुक्रवार की घटना के रूप में सामने आयी है.

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