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भाजपा सरकार घमंडी,चुनाव में किसी दल को समर्थन न देने को लेकर गफलत में न रहे भाजपा ,राहुल से कभी भी मिल सकता हूं – जिग्नेश मेवाणी

नई दिल्ली . गुजरात में ऊना दलित अत्याचार काण्ड के बाद से ही दलितों का आंदोलन शुरू हुआ है, दलितों को न्याय नहीं मिलता देख , दलित समाज में जन्म लेने वाले यूवा जिग्नेश मेवाणी ने दलित अत्याचार को लेकर आंदोलन शुरू किया ह.आन्दोलन के कारण ही आज दलित नेता के तौर पर जिग्नेश की पहचान है ,लाखो दलित समाज के लोगो का विस्वास व समर्थन इस यूवा नेता के साथ है .

जिग्नेश ने मीडिया को दिए एक बयान में भाजपा सरकार को घमंडी बताते हुए कहा है कि दलितों पर कांग्रेस अपना खुलासा करे, तो राहुल से मिलने दिल्ली जाना हो सकता है.अभी हम किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं है ,किन्तु मेरे द्वारा विधान सभा चुनाव में किसी दल को समर्थन न देने के बयान के बाद भाजपा बेहद खुश है ,भाजपा गफलत में है .

मेवाणी ने मीडिया से कहा कि मैं किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होऊंगा,किन्तु किसी भी राजनीतिक नेता से मिलने में मुझे संकोच नहीं है. भाजपा सरकार को 22 साल से देख रहा हूं, वह घमंडी है. पर यदि दलितों के बारे में कांग्रेस अपने विचार रखे, तो मैं राहुल से मिल सकता हूं. अभी तक कांग्रेस ने दलितों के बारे में अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया है. पाटीदारों के साथ रहा, पर दलितों को वहां भी महत्व नहीं मिला. उनके सामने दलित वोटों का कोई महत्व ही नहीं था.हमने आंदोलन चलाए, मांगें की, पर आज तक कोई चर्चा या विमर्श नहीं हुआ. ऐसा लगता है कि सरकार दलित विरोधी है.

दलित अधिकार मंच के नेता ने बताया कि ऊना की घटना के बाद अस्मिता यात्रा, दलितों को 5 एकड़ जमीन देने की मांग की गई थी. इसके लिए रेल रोको आंदोलन भी किया पर सरकार ने हमसे कोई बात ही नहीं की. अब हम यही मांगें कांग्रेस के सामने रख रहे हैं, वह अपना स्टैंड क्लियर करे, तो उससे आगे की बात हो सकती है . मुझे राहुल से मिलने में कोई गुरेज नहीं है. वैसे कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर मुझे पार्टी में शामिल करने का आमंत्रण दिया है. पर मैं कांग्रेस में शामिल नहीं होऊंगा, यह तय है. गुजरात के 47 लाख दलितों के लिए आखिर कांग्रेस क्या सोचती है, यही देखना है. हमारी 17 मांगों पर वह कहां तक विचार करती है, बस यही जानना है.

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