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BSP का चेहरा बदलने में जुटीं मायावती

लखनऊ। हाल ही में खत्म हुए यूपी विधानसभा चुनाव के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती लगातार अपनी रणनीति में बदलाव कर रही हैं। इसी साल जून-जुलाई में होने वाले यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए मायावती ने पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उनका यह फैसला गठबंधन की राजनीति के लिए पार्टी संगठन को तैयार करने की उनकी कोशिश की तरफ इशारा कर रहा है।




भविष्य में बीजेपी विरोधी गठबंधन का हिस्सा होने का संकेत देने के एक हफ्ते के भीतर उन्होंने पार्टी संगठन में भी बदलाव किया है। पहले जहां बीएसपी के संगठन में 10 से भी ज्यादा जोन हुआ करते थे, वहीं अब पार्टी में सिर्फ दो जोन होंगे। हर जोन में 9 डिविजन होंगे। बीएसपी ने पार्टी मामलों की देखरेख के लिए दोनों जोन में 8 कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए हैं।

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बीएसपी के सूत्रों ने बताया कि लखनऊ, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, चित्रकूट और झांसी को संगठन के भीतर पहले जोन में रखा गया है। राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ, नौशाद अली और आर एस कुशवाहा समेत 8 कोऑर्डिनेटर्स पहले जोन में काम करेंगे।

दूसरे जोन में 8 डिवीजन हैं-कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, फैजाबाद, बस्ती, मिर्जापुर, देवीपाटन, आजमगढ़ और गोरखपुर। बीएसपी ने इस जोन के लिए 8 कोऑर्डिनेटर्स को तैनात किया है, जिनमें रामअचल राजभर, लालजी वर्मा और मुनकाद अली भी शामिल हैं.



सूत्रों ने बताया कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राज्य की सभी जोन, डिविजन और असेंबली सीटों की पुरानी कमिटियों को भंग कर दिया है। भाईचारा कमेटियों को भी भंग कर दिया गया है। एक सूत्र ने ईटी को बताया, ‘जिला कमिटियों का वजूद कायम है। हालांकि, पार्टी जल्द जिला कमेटियों के नए नेताओं का चुनाव करेगी।’

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उनके मुताबिक, बीएसपी चीफ मायावती ने अपने कोऑर्डिनेटर्स को साफतौर पर निर्देश दिया है कि वे जिला स्तर पर युवा काडर्स का चुनाव करें। डिवीजनल स्तर पर पार्टी की योजना कम से कम 6 कोऑर्डिनेटर्स तैनात करने की है।

जाहिर तौर पर पार्टी ने नई व्यवस्था में पार्टी के लिए अहम मुस्लिम चेहरा रहे और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी का रोल घटा दिया है। सूत्रों ने बताया कि सिद्दीकी अब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी का कामकाज देखेंगे। बीएसपी के एक सूत्र ने बताया, ‘पार्टी के मामलों में उनका रोल लखनऊ डिवीजन में होगा। वह पार्टी के उस प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा होंगे, जो राज्य में बीएसपी शासन के दौरान बने स्मारकों के सही प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री से मिलने वाला है।’

अहम बात यह है कि बीएसपी ने महानगर अध्यक्ष का भी नया पद बनाया है। यह वैसे शहरों के लिए होगा, जहां म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन हैं। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पूर्व मंत्रियों- नकुल दूबे और अनंत मिश्रा को लखनऊ और कानपुर का महानगर अध्यक्ष चुना है। बीएसपी के महानगर अध्यक्षों को अपने इलाकों में शहरी नगर निकाय चुनाव में सही उम्मीदवार चुनने की जिम्मेदारी होगी।

आभार -नेशनल दस्तक

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