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CM शिवराज को खुली चुनौती, किसानों पर अत्याचार न रुका तो गंभीर परिणाम भुगतना होग:हार्दिक पटेल

भोपाल .पटेल नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने रविवार को मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि पाटीदार समाज को कमजोर समझकर नाहक परेशान न करे प्रशासन वर्ना परिणाम गंभीर होंगे. हजारों लोगों की मौजूदगी से उत्साहित हार्दिक पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज से जो टूक कहा है कि पाटीदार समाज अब अत्याचार किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा.

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पीएनएस अध्यक्ष हार्दिक पटेल रविवार को सुबह उदयपुर के रास्ते मंदसौर पहुंचे थे. लगभग 300 वाहनों के काफिले के साथ पहुचे हार्दिक ने नारायणगढ़ में पाटीदार समाज की महापंचायत को सम्बोधित किया.इससे पहले महापंचायत में शहीद किसानों का स्मरण कर किसानो के हक के लिए अपनी जान देने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी गई. किसानों की भारी भीड़ से उत्साहित हार्दिक पटेल ने शिवराज सरकार को खरी खोटी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.



रविवार को हार्दिक की मौजूदगी में पाटीदार समाज ने अपनी ताकत का एहसास कराया.हार्दिक पटेल ने आरोप लगाया कि गोलीकांड के बाद मध्यप्रदेश सरकार पाटीदारों को परेशान कर रही हैं. उन पर झूठे मुकदमे लगाये जा रहे हैं. राज्य सरकार, मंदसौर और नीमच का प्रशासन पाटीदारों को बदनाम कर रहा है. पाटीदार समाज बहुत मेहनती समाज है. उसे कम करके न आंका जाये. अगर सरकार अपनी हरकतों से बाज नही आई तो परिणाम गंभीर होंगे. हम अत्याचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही करेंगे.

हार्दिक पटेल को सुनने और पाटीदार समाज की एकजुटता दिखाने के लिए गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश के पाटीदार समाज के लोग बड़ी तादाद में इकट्ठा हुये थे. 6 जून को मंदसौर के पिपलियामंडी में पुलिस की गोली से 6 किसान मारे गये थे. हार्दिक पटेल तब भी मंदसौर आये थे, लेकिन तब सरकार ने उन्हें किसानों के बीच नही जाने दिया था.

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महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे पादीदार समाज के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र पाटीदार ने सरकार से कहा कि पाटीदार समाज अब उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगा. किसानों की 11 सूत्रीय मांगे ना मानी गईं तो किसान फिर सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे.



बिहार के सीएम नीतीश कुमार के प्रतिनिधि के रूप में जनता दल यूनाइटेड व पटेल नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय महासचिव अखिलेश कटियार ने शिवराज सरकार से मांग की कि आंदोलन के दौरान जिन किसानो के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुए हैं, उन्हें तुरंत वापस लिया जाए. उन्होंने कहा आज हर वस्तु के दाम कई गुना बढ़े हैं और किसानों की कृषि उपज के दाम 10 गुना घट गए हैं. किसानों को उनकी उपज की लागत का कम से कम डेढ़ गुना दाम मिलना ही चाहिए नहीं तो किसानों की समस्या खत्म होने की जगह बढ़ती ही जाएगी.

हार्दिक पटेल की इस रैली के लिये पाटीदार समाज ने बड़े पैमाने पर तैयारी की थी. जिस तादाद में लोग हार्दिक को सुनने पहुंचे उससे प्रशासन और सरकार चैकन्ने हो गये हैं. माना जा रहा है कि सरकार की तमाम कोशिशों के बाद किसान आंदोलन दब नही रहा है. इस आंदोलन की वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नींद उड़ी हुई है.

यह है 11 सूत्रीय मांगे-

  • फसलो के भाव लागत से 50 प्रतिशत ऊपर दिए जाएं, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए।
  •  किसानो का कर्जा माफ किया जाए।
  •  फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर समर्थन मूल्य पर ही खरीदा जाए।
  •  सभी प्रकार की सब्जियो का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए।
  •  देश की सभी मंडियो में फसलो को समर्थन मूल्य से कम खरीद करने पर अपराध घोषित किया जाए, इसके लिए कठोर कानून बनाया जाए।
  •  दूध का न्यूनतम मूल्य 50 रुपए प्रति लीटर तय किया जाए।
  •  किसानो को 10 लाख तक सस्ते ऋण दिए जाएं।
  •  खेती और पशुपालन में काम आने वाले सभी मशीनो व यंत्रो पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाए।
  •  नदियों का आपस में जोडऩे का काम व्यापक स्तर पर शुरुकर 5 वर्षो में पूरा किया जाए।
  •  देश में पैदा होने वाली सभी फसलो का निर्यात बिना किसी शुल्क के किसान कर सके ऐसा नियम बनाया जाए इसमें निर्यात पांबदी नहीं होना चाहिए।
  •  खेती व पशुपालन को उद्योग का दर्जा देकर उद्योग के समान ही सुविधा दी जाए।

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