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राजस्थान की भगवा सरकार का तुगलकी फरमान, छात्रों को करनी होगी RSS म्यूजियम की यात्रा

नई दिल्ली .लोकसेवकों पर बिना इजाजत मुकदमा नहीं दर्ज करने वाले विवादित बिल पर बिपक्ष व भाजपा के ही विधायको के निशाने पर रही तानासाह वसुंधरा सरकार ने बैकफूट पर आने के बाद् अब राज्य के सभी कॉलेज छात्रों के लिए ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ की यात्रा करना अनिवार्य कर दिए जाने का फरमान जारी कर दिया है .

राजस्थान में छात्रों को अब आरएसएस की ओर से बनाए गए म्यूजियम ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ की यात्रा करनी होगी. उदयपुर में करीब 100 करोड़ रूपये की लागत से बने ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ में आरएसएस ने भारतीय प्राचीन सभ्यता, धरोहर, हिन्दू संस्कृति, देश के इतिहास का म्यूजियम तैयार किया है. इस म्यूजियम के आधे हिस्से में महाराणा प्रताप से जुड़ी चीजें मौजूद है.

इस संबंध में कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने 23 अक्टूबर को एक परिपत्र जारी किया है. परिपत्र में इस बात को आधार बनाया गया है कि छात्रों में संस्कृति, संस्कार, पर्यटन, इतिहास संबंधी जानकारी बढ़ाने, कर्तव्य भावना विकसित करने और भारत के शूरवीरों की वीरता का का ज्ञान कराने के लिए प्रताप गौरव केन्द्र की यात्रा आवश्यक है.

सरकार ने म्यूजियम का प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 50 रूपए प्रति व्यक्ति निर्धारित किया है और किराया कॉलेजों को ही वहन करना होगा, हालांकि अब कॉलेज प्रबंधन के सामने सरकार का यह आदेश चुनौती बन गया है, पहले से ही बदहाल आर्थिक हालत से जूझ रहे कॉलेजों को अब यह नया खर्च वहन करना काफी मुश्किल होगा.

भगवा सरकार ने म्यूजियम की यात्रा के लिए कॉलेजों को अलग से कोई वित्तीय प्रावधान नहीं किए है. बताया जा रहा कि आगामी शिक्षा सत्र से 10वीं से लेकर 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी म्यूजियम की यात्रा को अनिवार्य करने पर विचार किया जा रहा है.

सनद रहे कि नवम्बर, 2016 में उद्घाटन के बाद से आम लोगों के लिए खोले गए ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ के संचालकों के एक नियम से पहले विवाद की स्थति उत्पन्न हो गई थी, लेकिन फिर मामला किसी तरह शांत हो गया था . म्यूजियम प्रशासन ने कम अथवा छोटे कपड़े पहनकर आने वाली महिलाओं को प्रवेश नहीं देने की बात कही थी, लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. प्रशासन म्यूजियम को राष्ट्रीय तीर्थ स्थल बताकर यह नियम बनाया था.

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