नई दिल्ली.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तमाम आरोपों को दरकिनार करते हुए सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल किया है. अब बिहार में संविदा के साथ ही आउटसोर्सिंग के तहत किए जा रहे कार्यों में भी आरक्षण की शर्तें लागू कर दी हैं. करीब डेढ़ साल पहले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आरक्षण के पुर्नविचार पर शुरू बहस अब भी जारी है. इसी बीच बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने आरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाया है. बिहार सरकार ने कांट्रेक्ट, संविदा या ठेके पर दी जाने वाली नौकरियों में भी आरक्षण लागू कर दिया है. इतना ही नहीं इन नौकरियों में महिलाओं को मिलने वाला 33 फीसदी आरक्षण का नियम भी लागू होगा. बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने सामान्य प्रशासन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है .
इसके साथ ही संविदा और ठेका पर जितनी भी भर्तियां होंगी सभी में जातिय आरक्षण लागू होगा. अब संविदा पर डॉक्टर, शिक्षक, ऑपरेटर, ड्राइवर, हाऊस कीपिंग और फिर चतुर्थवर्ग के कर्मचारियों को नियुक्त करने में कुल भर्तियां आरक्षण के नए नियमों से की जाएगी.
नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण फैसले
1. नवनियुक्त आठ हजार महिला सिपाहियों के प्रशिक्षण के लिए आठ अलग-अलग बीएमपी में प्रशिक्षण केंद्र निर्माण की सहमति भी मंत्रिमंडल ने दी है.
2. मंत्रिमंडल ने गुरू गोविंद सिंह के 350 वें प्रकाश पर्व के समापन समारोह के लिए पटना में दो स्थान कंगनघाट और बाइपास के निकट अस्थायी टेंट सिटी निर्माण के लिए 52 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. इस राशि में से चार करोड़ रुपये वैसे किसानों को फसल क्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाएंगे जिनकी जमीन पर टेंट सिटी का निर्माण होगा.
3. मंत्रिमंडल ने पश्चिम चंपारण और औरंगाबाद में नव स्वीकृत पॉलीटेक्निक संस्थान के लिए 70 शैक्षणिक और 76 गैर शैक्षणिक पद सृजन की अनुमति भी दी है. इसके साथ ही छह पॉलीटेक्निक में नए डिप्लोमा कोर्स संचालन के लिए राज्य स्कीम से चालीस राजपत्रित और सोलह अराजपत्रित पदों की स्वीकृति भी दी.
4. पश्चिम चंपारण के बेलाटाडी और जमुई के आस्ता में एकलव्य मॉडल के अंतर्गत एक-एक विद्यालय स्थापित करने की मंजूरी भी दी है. यह आवासीय विद्यालय 720 बिस्तरों वाले होंगे.
5. बिहार पथ निर्माण विभाग अमीन संवर्ग भर्ती एवं सेवा नियमावली 2017 और विभिन्न सरकारी भवनों को इंटरनेट कनेक्टिविटी देने के लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की अनुमति भी बेल्ट्रॉन को दी गई.
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