You are here

सरकारी लैबों में 19201 व्यक्तियों के रक्त परीक्षणोपरान्त 7269 लोगों में डेंगू होने की पुष्टि-अरूण कुमार सिन्हा

लखनऊ |उत्तर प्रदेश में  अवकाश के दिन भी समस्त चिकित्सालयोंमें डेंगू तथा बुखार से पीड़ित मरीजों के उपचार हेतु ओ0पी0डी0 खुली रहेगी। आगामी अवकाश के दिनों में भी राज्य के समस्त चिकित्सालयों की ओ0पी0डी0 में डेंगू और बुखार से ग्रसित मरीजों का नियमित रूप से उपचार किया जाएगा।

उक्त जानकारी प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अरूण कुमार सिन्हा ने देते हुए बताया कि प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं की सार्वजिनक अवकाश दिनों में मरीजो का समुचित उपचार किया जाए लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं होगा। अवकाश दिवसों में सरकारी अस्पतालों की ओ0पी0डी0 का समय से संचालन सुनिश्चित हो, ताकि अस्पतालों में आने वाले डेंगू तथा बुखार से पीड़ित मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो सके। इसके अलावा बुखार से ग्रस्त मरीजों की जांच भी प्राथमिकता से कराई जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सरकारी लैबों में अभी तक 19201 व्यक्तियों के रक्त का परीक्षण कराया जा चुका है, इनमें से 7269 लोगों में डेंगू होने की पुष्टि हुई है। जबकि इस घातक ज्वर से 13 लोगों के मुत्यु हो चुकी है। उन्होंने बताया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि  निजी अस्पतालों में छापेमारी कर डेंगू से पीड़ित मरीजों की वास्तविक जानकारी प्राप्त की जाए और अवैध रूप से संचालित अस्पतालों को तत्काल बंद कराया जाए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही प्रकाश में आने पर संबंधित अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।

लखनऊ में अवैध रूप से संचालित चार चिकित्सालयों एवं एक पैथालाजी सेन्टर के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज कराने के निर्देश-प्रमुख सचिव

श्री सिन्हा ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अवकाश दिवसों में अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों एवं अन्य आवश्यक कर्मियांे की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। विशेष परिस्थितियों को छोडकऱ किसी भी कर्मी को छुट्टी न दी जाए। अस्पतालों में दवाइयों की कमी नहीं होनी चाहिए। बुखार से पीड़ित मरीजों के उपचार में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को खासतौर से यह भी निर्देश दिए हैं कि अवकाश दिवसों में अस्पतालों का औचक निरीक्षण करें और चिकित्सा व्यवस्था को चाक-चैबंद बनाये रखने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

 

इसे भी पढ़े -