सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भाजपा द्वारा निकाय चुनाव में गठबंधन धर्म का पालन न करने पर विद्रोही रुख अपनाते हुए भाजपा के साथ गठबंधन को निकाय चुनाव में किनारे लगाते हुए पार्टी ने सात प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है .
लखनऊ .बिगत लोकसभा व विधान सभा में भाजपा ने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए सहयोगी दलों को उनकी हैसियत के अनुसार समझौते में कुछ सीटो को छोड़ दिया था किन्तु इस बार के निकाय चुनाव में भाजपा ने सहयोगी दलों की लाख कोसिशो के बाद भी गठबंधन के तहत एक भी सीट नहीं छोड़ा है .निकाय चुनाव में भाजपा द्वारा गठबंधन धरम का पालन न करने पर सहयोगी दलों के नेता मायुश है .
निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पूर्व निकाय चुनाव हेतु बड़े बड़े दावे करने वाले भाजपा के सहयोगी दल अब निकाय चुनाव से दूरी बनाकर भाजपा से पंगा लेने से बच रहे है . भाजपा द्वारा निकाय चुनाव में सहयोगी दलों के सपने को तोड़ने पर लोगो का कहना है कि भाजपा मौकापरस्त दल है ,उन्हें शहरी मतदाताओ पर पूरा भरोषा है की उनका वोट भाजपा के पक्ष में जायेगा ,इस भरोसे के कारण भाजपा ने सहयोगी दलों को इस चुनाव में किनारे लगा दिया है .सहयोगी दल केंद्र व राज्य सरकार में सत्ता सुख का लाभ ले रहे है जिस कारण निकाय चुनाव में सीटो के न मिलने पर चुनाव न लड़ने की घोषणा कर रहे है .
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाली ‘अपना दल (एस )’ ने उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में भाग्य अजमाने हेतु खूब ताना बना बुना था किन्तु अब चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है. पार्टी ने इस बात को भी सार्वजनिक कर दिया है कि पार्टी इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों का न समर्थन करेगी न है अपना दल का कार्यकर्ता प्रचार करेगा .
अपना दल (एस) के राष्ट्रीय प्रवक्ता वृजेन्द्र सिंह ने मीडिया को बताया कि पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. इस चुनाव में पार्टी किसी को भी समर्थन नहीं करेगी. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अपने विवेक से मतदान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के इस फैसले से केंद्र और राज्य सरकार में गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
फिरहाल अपना दल कार्यकर्ताओ का कहना है कि भाजपा के साथ सीट बंटवारे को लेकर आम सहमती नहीं बन पायी. इस वजह से पार्टी ने निकाय चुनावों से दूरी बनाने का फैसला किया. हालांकि इससे पहले अपना दल निकाय चुनाव में भी मजबूत सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करने की बात कर रहा था. इसी वजह से पार्टी की संयोजक और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पिछले महीने मंडल और जिला प्रभारियों से 6 अक्टूबर तक उन सीटों की सूची मांगी थी, जहां पार्टी का जनाधार है.
दूसरी तरफ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भाजपा द्वारा निकाय चुनाव में गठबंधन धर्म का पालन न करने पर विद्रोही रुख अपनाते हुए भाजपा के साथ गठबंधन को निकाय चुनाव में किनारे लगाते हुए पार्टी ने सात प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है .
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि हमने भाजपा को अपनी पसंद की सीटों का विवरण दिया था.भाजपा इन सीटों पर सहमत भी थी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. हमने 24 घंटे दिए थे, जो निकल गए. अब हम पूरे प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेंगे.
प्रदेश अध्यक्ष के हवाले से जारी प्रत्याशियों की पहली सूची के मुताबिक गाजीपुर में नगर पंचायत बहादुरगंज से अब्दुल्ला राईनी और सादात से यशवंत वर्मा, देवरिया के लार से रामचंद्र प्रसाद, बलिया के सहतवार से नीतू सिंह और मनियर से धर्मेंद्र मणि को उम्मीदवार बनाया गया है, वहीं भदोही के सुरियावा से हंसराज सिंह गौतम और जौनपुर के शाहगंज से अन्नपूर्णा गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया है.
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