नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का बहुप्रतिक्षित फेरबदल और विस्तार पितृपक्ष से पहले होना है. यह समय ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है, त्यों त्यों लोगों की दिलचस्पी यह जानने में बढ़ती जा रही है कि कौन आ रहा है और कौन जा रहा है. यह तय माना जा रहा है कि इस फेरबदल में यूपी और बिहार में भाजपा नेताओं को तगड़ा झटका लगेगा. उत्तर प्रदेश को भी खासा नुकसान होगा वही बिहार के सत्ताशीन दल जनता दल यूनाईटेड को बड़ा फायदा मिलने जा रहा है .
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश से भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र को उम्र के आधार पर बाहर किया जाना तय माना जा रहा है. इसके अलावा पिछड़े समाज की उमा भारती पर भी बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है.उप्र कोटे के रामशंकर कठेरिया को पहले ही हटाया जा चुका है. इनके अलावा बिहार से राजीव प्रताप रुडी, उपेंद्र कुशवाहा तथा हरियाणा से वीरेंद्र सिंह के बाहर होने की संभावना है.जिसका मुख्य कारण इनके मंत्रालयों में कामकाज ना होना बताया जा रहा है.
दरअसल राजीव प्रताप रुडी और उपेंद्र कुशवाहा के बाहर होने का सबसे बड़ा कारण मुख्यमंत्री नितीश कुमार के जदयू की एनडीए में वापसी है.मुख्यमंत्री नितीश कुमार के दल जदयू के मंत्रियो के समायोजन हेतु उपेंद्र कुशवाहा को किनारे किया जा सकता है. जाहिर है कि नीतीश कुमार 2019 में भाजपा के लिए उपेंद्र से ज्यादा मुफीद साबित होंगे. वैसे जदयू के शामिल होने के बाद कम से कम दो सीटें तो उनके हिस्से में आएंगी ही.
वीरेंद्र सिंह को बाहर किए जाने की संभावना के पीछे भूपेंद्र सिंह हुड्डा बड़ा कारण हो सकते हैं.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा के भाजपा में आाने की चर्चाएं तेज हैं. वैसे भी जिन्हें हरियाणा की राजनीति का तनिक भी ज्ञान है उन्हें मालूम है कि वीरेंद सिंह और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच छत्तीस का आंकड़ा है.
मोदी मंत्रिमंडल में कई लोगों के पास अतिरिक्त प्रभार है. यूपी से राज्यसभा सांसद और रक्षामंत्री रहे मनोहर पार्रिकर गोवा वापस जा चुके हैं. अनिल माधव दवे का निधन, वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के चलते इनके मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार दूसरे नेताओं पर है.मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में चुनाव वाले राज्यों को प्रमुखता दिए जाने की संभावना है.
इस मंत्रिमंडल विस्तार में जनता दल यू से दो लोगो को समायोजित किए जाने की चर्चा है .जनता दल यू के सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खासमखास राज्य सभा सांसद व पार्टी के राट्रीय महासचिव राम चन्द्र प्रसाद सिंह को केंद्रीय मंत्रीमंडल में स्थान मिलना तय है ,सांसद राम चन्द्र प्रसाद सिंह को रेल मंत्रालय मिलने की संभावना भी बताई जा रही है ,जिसके पीछे मुख्य कारण यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रेल मंत्री रहते सांसद राम चन्द्र प्रसाद सिंह आईएएस ही उनके सचिव रहे जिन्हें रेल मंत्रालय का विधिवत ज्ञान है ,वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पूर्वोतर राज्यों के विकास के प्रति गंभीर है जिनकी सोच है की राज्यों के विकास में परिवहन की भूमिका महत्वपूर्ण है ,ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश भी रेल मंत्रालय बिहार के पास हो केंद्रीय सरकार पर दबाव बना सकते है .
वही जद यू कोटे से दुसरे मंत्री के तौर पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र सांसद राम नाथ ठाकुर को समायोजित किया जा सकता है .
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