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प्रेसनोट के मार्फ़त नए दल के घोषणा की थी तैयारी ,पूरा पढ़ असहज हुए मुलायम

लखनऊ .समाजवादी परिवार में चल रहे विवाद के बीच आज एक नए दल का जन्म होने की प्रबल सम्भावना थी किन्तु नए दल का जन्म तो नहीं हुआ किन्तु मुलायम सिंह यादव के दर्द जरुर दर्द छलक उठा.सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश यादव को धोखेबाज की उपाधि से नवाजते हुए आशीर्वाद भी दिया .।

मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश ने तीन महीने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए कहा था किन्तु पार्टी पर कब्ज़ा कर बाप को धोखा दिया है.जो अपनी बात का पक्का नहीं है,वो जीवन में सफल नहीं हो सकता है. जो वादा करके निभाता नहीं है, उसका क्या भरोसा करना. जो अपने बाप का नहीं हुआ वो किसी और का क्या होगा.

नई पार्टी के गठन को लेकर लगाई जा रही सभी अटकलों पर मुलायम ने विराम लगाते हुए कहा कि अखिलेश के साथ मेरा आशीर्वाद हमेशा है, लेकिन उनके फैसलों से मैं सहमत नहीं हूं.पारिवारिक सवालो पर विराम लगते हुए मुलायम सिंह यादव ने केंद्र की सत्ताधारी मोदी सरकार पर हमला बोला .उन्होंने कहा कि सरकार ठीक ढंग से काम नहीं कर पा रही. निचले तबकों के लोग परेशान है उनके को राहत की व्यवस्‍था की जानी चाहिए. योगी सरकार द्वारा की गई किसानों की ऋणमाफी को मुलायम ने खिलवाड़ बताते हुए कहा कि सरकार ने सिर्फ फसली ऋण माफ किया है, जबकि किसानों का एक लाख रुपए तक का ऋण माफ होना चाहिए ‌था.

प्रेसवार्ता को मुलायम सिंह यादव ने पहले से तैयार एक प्रेस नोट को पढ़ कर प्रारंभ किया किन्तु उक्त प्रेसनोट को पढ़ते ही मुलायम असहज दिखने लगे जिसके बाद मुलायम सिंह यादव बिना प्रेस नोट के ही अपनी बात रखा .

पत्रकारों के हाथ लगे प्रेस नोट से साफ़ जाहिर होता है कि बिना मुलायम की मंजूरी के कुछ लोगो के चक्रव्यूह ने प्रेस नोट को माध्यम बनाकर मुलायम से अलग दल बनाने की घोषणा का ताना बाना बुना था किन्तु प्रेसवार्ता के बीच इन शब्दों पर मुलायम की नजर पड़ गई और वह असहज हो गए .

प्रेसनोट में लिखा है कि देश के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान रखते हुए मैंने फैसला किया है कि अलग संगठन दल बनाकर समान विचारधारा वाले लोगों को साथ लेकर अलग राजनैतिक रास्ता बनाया जाएगा.

इस प्रेसनोट को किसके इशारे पर तैयार किया गया था इस बात की जानकारी मीडिया को नहीं लगी है.सनद रहे पार्टी के पूर्व प्रमुख महासचिव शिवपाल यादव भी इस बैठक में हिस्सा लेने वाले थे लेकिन वह शामिल नहीं हुए.

उधर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर ” नेताजी ज़िंदाबाद समाजवादी पार्टी ज़िंदाबाद” का नारा बुलंद किया .



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