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भाजपा के अहंकार के खात्मे हेतु कांग्रेस के साथ होंगे हार्दिक

नई दिल्ली. गुजरात पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पुरजोर समर्थन का संकेत दे दिया है. एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू में हार्दिक पटेल ने रविवार को कहा कि "मुझे कांग्रेस से कोई प्यार या लगाव नहीं, लेकिन फिर भी अहंकारी ताकतों को हराने ,अहंकार के खात्मे के लिए कांग्रेस का सत्ता में आना जरूरी है.

पाटीदार आन्दोलन के दो सहयोगियों वरुण और रेशमा पटेल के भाजपा में शामिल होने पर हार्दिक पटेल ने कहा कि इसमें कोई दिक्कत नहीं है, अगर आपको गेहूं खाना हो, तो उसे साफ करना जरूरी है, साफ नहीं करोगे तो कंकड़ आएंगे. जरूरी है कि धीरे-धीरे चुनाव के माहौल में ऐसे कंकड़ साफ हो जाएं. बड़ी बात ये है कि यही लोग एक वक्त पर भाजपा को गाली देते थे, आज भाजपा ने इन्हें स्वीकार कर लिया है.

हार्दिक ने कहा कि इस प्रकरण से साफ़ है कि भाजपा के लिए कौन सामने है, ये मायने नहीं रखता. अगर वो दाऊद को भी अपनी पार्टी में ले ले तो वो कहेंगे कि 1993 में डेंगू की वजह से लोग मर गए थे. मुझे 4-5 दिनों से मालूम था कि ये लोग जाने वाले हैं, बहुत समझाया था. बहुत बड़े पैसे का झोल-मोल हुआ है इस मामले में ,पैसे के समुन्द्र में इन लोगो ने गोटा लगा लिया .इन लोगों ने समाज के साथ बड़ा विद्रोह किया है और गुजरात के हजारों युवाओं ने इन पर जो विश्वास किया था, उसे भी तोड़ दिया है. इसमें पैसे का बड़ा चक्कर है ,भाजपा ने इन लोगों की प्राइवेट लाइफ में भी कहीं न कहीं दखल दिया है, लेकिन जितने भी लोग आंदोलन छोड़कर भाजपा की गोद में बैठे हैं, वे लोग अगर भाजपा के साथ मिलकर 50 हजार लोग भी इकट़्ठा कर दें तो मैं अभी अपनी लड़ाई बंद कर दूंगा.

हार्दिक ने कहा कि गुजरात के पाटीदार आन्दोलन में शामिल सारे लोग गांव के गरीब हैं, जो मजदूर वर्ग है, जो जानते हैं कि हार्दिक की लड़ाई सही है इसीलिए वो हमारे साथ जुड़े हैं, और जब तक ये जनता है, तब तक हार्दिक लड़ता रहेगा. हार्दिक नाम किसी मां के पेट से जन्म नहीं लिया, हार्दिक को सिस्टम के विरोध के चलते जन्म लेना पड़ा. मेरे जैसे हजारों-लाखों लोग हैं जो लड़ाई लड़ रहे हैं, ये लड़ाई जारी रहेगी क्योंकि ये आक्रोश की लड़ाई है, अहंकार के सामने अधिकारों की लड़ाई है और इसमें हमारी विजय तय है .

भजपा को हराने और कांग्रेस के प्रति लगाव के जवाब में हार्दिक ने कहा कि अगर कोई न्योता देता है तो भारतीय संस्कृति के आधार पर उसको स्वीकारना पड़ता है, जाना-नहीं जाना अलग चीज है. हम किसके सामने लड़ रहे हैं, जिन्होंने हम पर अत्याचार किया, जिन्होंने गुजरात को बर्बाद किया, जिन्होंने गुजरात के युवाओं को बेरोजगार कर दिया, जिसने किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया, ऐसी ताकतों के सामने लड़ना गुनाह नहीं है. अहंकारी शक्तियों के सामने लड़ना एक बड़ा काम है और हम वो कर रहे हैं.

हार्दिक बोले हम भाजपा के के अहंकार को तोड़ने हेतु लड़ रहे है , इसका मतलब है कि विपक्ष में एक ही पार्टी है,वह है कांग्रेस. अगर कांग्रेस पार्टी कुछ अच्छा चाहती है इस राज्य का, यहां के समुदायों का तो लोग अपने आप सोचेंगे. आज व्यापारी और किसान कहते हैं कि भाजपा से अच्छी तो वो पार्टी थी, जिसने हम पर अत्याचार तो नहीं किया. कांग्रेस में डेमोक्रेसी है जहां पर आपको आंदोलन करने का, सड़कों पर निकलने का अधिकार है. मैं मानता हूं कि भाजपा के खिलाफ कोई पार्टी है तो अभी सिर्फ कांग्रेस है. अगर कांग्रेस कुछ अच्छा चाहती है, नीतियों के सॉल्यूशन चाहती है तो मैं मानता हूं कि लोग उसे स्वीकारेंगे और सत्ता में भी बिठाएंगे, लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी.

हार्दिक ने कहा कि मैंने कई बार कहा है कि कोई चोर तो कोई महाचोर, कांग्रेस से हमारा प्यार या लगाव नहीं है, लेकिन अहंकारी को हराने के लिए किसी को बिठाना पड़ता है. मैं मानता हूं कि भाजपा अहंकारी है तो कांग्रेस को बिठाना जरूरी है. एक बार पता चलेगा कि 6 करोड़ गुजरातियों की ताकत क्या है, 6 करोड़ गुजरातियों ने 25 साल तक सत्ता में बिठाया जिन लोगों को, आज उन्हें सत्ता से उतार दिया, ये समझ उन लोगों को आनी चाहिए. कांग्रेस 25 साल से सत्ता में नहीं है, उनके राज में भी कभी भ्रष्टाचार नहीं हुआ. वो भी समझते हैं कि कैसे राज करना है. मैं मानता हूं कि अगला जो गुजरात होगा वो खुश रहेगा, वो निरमा वाला गुजरात होगा.

अंत में हार्दिक ने बोला कि मैं मानता हूं कि कांग्रेस को आना चाहिए, अगर वो अच्छा करेगी तो लोग उसे स्वीकारेंगे. कांग्रेस को अच्छा करना पड़ेगा गुजरात के लिए, गुजरातियों के लिए. अभी तक कांग्रेस ने बहुत दिया है गुजरात को.

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