लखनऊ . अगर मजबूत इरादों और अटल विश्वास के साथ किसी काम को अंजाम दिया जाय तो निचित तौर पर सफल आपके कदम चूमती है . मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है… ये लाइनें सुनी और बोली तो खूब जाती हैं, लेकिन मुश्किल होता है इनको सच करना, और जो ऐसा करते हैं, वो मिसाल बन जाते हैं. ऐसा ही कर मिसाल बनने वालों में पिछड़े पटेल समुदाय का एक कक्षा 7 का छात्र दीपक कुमार पटेल हैं। अपने सपने को सच करने में इस हुनरमंद छात्र की गरीबी आड़े हाथो नहीं आई बल्कि पारिवारिक हालातो का सामना करते हुए उक्त छात्र ने अपने हुनर को साबित कर दिखाया ,बड़े होकर होकर वैज्ञानिक बनने का सपना संजो यह छात्र अपने मंसूबो पर पंख लगा रहा है .
उत्तर प्रदेश के मछलीशहर तहसील के करौंदा गाँव निवासी एक मैकेनिक के बेटे दीपक ने वह कारनामा कर दिखाया है ,जो बड़े-बड़ों के लिए मुश्किल होता है. अभी सातवीं में अध्यनरत दीपक ने एक नहीं 200 से अधिक हवाई जहाज बना कर सबको हैरत में दाल दिया .दीपक द्वारा विकसित दर्जनों हवाई जहाज उसके हौसले की तरह हवा में तैरते हैं.
मछलीशहर के इलाको में बाल वैज्ञानिक के रूप में चर्चित दीपक कुमार पटेल के पिता रामधारी पटेल मछलीशहर तहसील के करौंदा गाँव निवासी हैं. उनकी पत्नी सावित्री देवी सामान्य गृहिणी हैं. गरीव किसान रामधारी पटेल की खाखोपुर में एक छोटी सी इलेक्ट्रानिक की दुकान हैं. जहां वह खराब कलपुर्जों को बनाते हैं, लेकिन उनके बेटे के कारनामे ने उनका हौसलाअफजाई करते हुए उनके सीने को फक्र से चौड़ा कर दिया है .
दीपक कुमार पटेल अभी सातवीं का छात्र है और वह होरिल राव इंटर कॉलेज कुंवरपुर में पढ़ाई करता है.
दीपक ने बताया कि वह अक्सर अपने पिता के साथ दुकान पर जाया करता है. पिता को खराब कलपुर्जो को बनाता देखकर वह भी कुछ न कुछ बनाने लगता. करीब तीन वर्ष पहले उसने थरमाकोल की मदद से एक हवाई जहाज का मॉडल तैयार किया. उसने मन में दृढ निच्चय कर लिया की इस खुद के निर्माणाधीन हवाई जहाज को एक दिन हवा में उड़ाएगा. इसके बाद उसने हवाई जहाज में मोटर लगाई, ब्लेड के पर और बैटरी आदि सामान लगाए. सेंसर के जरिए रिमोट कंट्रोल से हवाई जहाज को कंट्रोल किया.
हालांकि उसने करीब 190 हवाई जहाज बना दिए लेकिन कोई हवाई जहाज उड़ान नहीं भर सका सिर्फ दौड़ ही पा रहा था फिर भी दृढ निच्चय के आगे दीपक ने हार नहीं मानी और आखिरकार करीब दो किलो वजन का एक हवाई जहाज तैयार किया और उसे उड़ा भी लिया. इस हवाई जहाज में उसने 1200-1200 केबी की दो मोटर सेट किया था . इसके अलावा मोबाइल फोन में लगने वाली 2200 एमएच की बैटरी लगाई. सेंसर लगाया और रिमोर्ट कंट्रोल बाहर से खरीदकर हवाई जहाज के साथ जोड़ा. एक हवाई जहाज जब हवा में उड़ा तो उसी के जैसे करीब एक दर्जन हवाई जहाज तैयार कर लिया.
मछलीशहर रोडवेज परिसर में पिछले दिनों दीपक ने अपने हवाई जहाज को उड़ाया.क्षेत्र के बालक द्वरा निर्मित हवाई जहाज को उड़ते हुए देखने के लिए वहां हजारो क्षेत्रीय जनों का ताँता लग गया . इसके बाद दीपक ने हवाई जहाज को रिमोर्ट कंट्रोल से दौड़ाया. कुछ दूर जाने के बाद हवाई जहाज हवा में उड़ने लगा. दीपक ने बताया कि उसका बनाया हुआ हवाई जहाज हवा में करीब 500 मीटर तक उड़ सकता है, क्योंकि इससे ज्यादा रिमोर्ट कंट्रोल काम करना बंद कर देता है. ऐसे में हवाई जहाज गिर सकता है. जब उसने रोडवेज परिसर में हवाई जहाज उड़ाया तो वहां मौजूद हर किसी ने उसके जज्बे को सलाम किया.
दीपक ने बताया कि उसने हवाई जहाज को उड़ते हुए देखा तो उसने ठान लिया कि वह भी हवाई जहाज बनाएगा. उसने बताया कि आगे चलकर उसका सपना वैज्ञानिक बनने का है ताकि देश की सेवा करते हुए माता-पिता के साथ-साथ अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर सके .बचपन से ही दीपक मेघावी छात्र है जिस कारण वह परीक्षा में अच्छे अंक लाता रहा है.
दीपक के पिता रामधारी पटेल ने बताया कि उनके बेटे ने जो कर के दिखाया है. उससे वह बहुत खुश हैं.अपने बेटो की हर ख्वाहिस को पूरा करने का हर संभव प्रयाश करते है ताकि बेटे बड़े होकर नाम कर सके . मां सावित्री देवी का कहना है कि मैं और मेरे पति सिर्फ आठवीं तक ही पढ़ाई कर सकें हैं. इसलिए अपने बेटे को बहुत ज्यादा पढ़ाना चाहती हूं ताकि वह हम दोनों का नाम रोशन कर सके.फिरहाल दीपक अपने सपनो को अमलीजामा पहनाने हेतु दिन रात परिश्रम कर रहा है ,निच्चित तौर पर उसे सफलता मिलनी तय है .
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