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भारत में पैदा हुए सभी हिंदू नहीं हैं,राम मंदिर बनाने का अधिकार सरकार, राजनीतिक दलों को नहीं

नई दिल्ली . हिंदूवादी संघटनो के नेता लगातार वकालत करते है कि भारत में पैदा हुआ हर नागरिक हिन्दू है किन्तु एक हिन्दू सन्त ने इन व्यान का खंडन करते हुए कहा कि भारत में पैदा हुए सभी लोग हिंदू नहीं थे ऐसा कहने वाले समाज के बुनियादी ढांचे को समाप्त कर देंगे.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने कहा कि सिद्धांत है कि जो भारत में पैदा हुआ है, ऐसा हिंदू के पीछे कोई तर्क नहीं है क्योंकि यह समाज के बुनियादी ढांचे को समाप्त करेगा. एक असली हिंदू वेदों और शास्त्रों पर विश्वास रखते हैं, जबकि मुसलमानों ने कुरान पढ़ा और हदीस और ईसाई बाइबल का अनुसरण करते हैं.

सनद रहे इस सप्ताह के शुरू में त्रिपुरा में एक सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि भारत में मुसलमान भी हिंदू हैं.अयोध्या राम जन्म भूमि मंदिर विवाद पर शंकराचार्य ने कहा कि राजनीतिक दलों व सरकार को अयोध्या में राम मंदिर बनाने का अधिकार नहीं है केवल शंकराचार्य और धर्माचार्यों को अयोध्या में एक मंदिर बनाने का अधिकार है.सरकार भी एक मंदिर का निर्माण नहीं कर सकती क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है.

चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के इस्तेमाल के विवाद पर हिंदू धार्मिक नेता ने कहा कि वह मतपत्र पत्रों के उपयोग के पक्ष में थे,यदि ज्यादातर राजनीतिक दल ईवीएम नहीं चाहते हैं, तो चुनाव आयोग को इसके साथ चिपका नहीं रहना चाहिए.

उन्होंने कहा कि गंगा और यमुना नदियों में प्रदूषण कई गुना बढ़ गया है और कहा गया है कि सरकार ने दो नदियों पर बांधों या बंदरगाहों को बंद कर दिया ताकि उन्हें पानी के प्राकृतिक प्रवाहों को जारी कर सकें.

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