गोण्डा : झूठा है सरकार का स्वच्छता सर्वे 17 ,गन्दगी का मिटेगा कलंक

गोण्डा. गोण्डा इतना गन्दा नही है, जैसा स्वच्छता सर्वे 17 में दिखाया गया है. उक्त बाते यहां के आम नागरिकों के गले से नहीं उतर रहा है. नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन कमरूदीन ने सर्वे को एक सिरे से खारिज करते हुए झूठा बताया है ,उन्होंने कहा कि अन्य जनपदों की अपेक्षा गोण्डा काफी साफ़ सुथरा है.उनका मानना है कि यहां नगर परिषद में संसाधनों की कमी है जो गली मोहल्लों तक नही पहुचपाती है.




उन्होंने कहा कि इस बात से इंकार नही किया जा सकता है कि जिले मे सफाई करने वाले घोर लापरवाही करते है .गाँवों में नियुक्त सफाईकर्मी ऐसे है जो सरकार से वेतन तो लेते है लेकिन कार्य नहीं करते,बल्कि अपने जगह पर मजदूर लगा कर कभी कभार सफाई करा देते है.अधिकाँश सफाई कर्मी विकासखंडों पर खंड विकास अधिकारी,ब्लाक प्रमुख, एडीओ पंचायत के घरों आवासों और ब्लाकों पर लगे हुए है. जो कुछ बचे है वो ग्राम प्रधानों के घरों के आसपास सफाई में लगे रहते है ,ऐसे मे सफाई की क्या उम्मीद की जाय.






यही हाल नगर परिषदों की है जहाँ भरी भरकम सफाई कर्मियों की नियुक्ति है, आधे कर्मचारी कार्यालयों में अटैच है तो कुछ कर्मचारियों का नगर परिषद के अधिकारी और चेयरमैन अपने व्यक्तिगत नौकर के रूप में उपयोग कर रहे है, जो कुछ बचे है वो सफाई नायक को एक बंधी रकम देकर गायब रहते है.





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